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    कोर्ट ने कहा- केवल मोबाइल फोन से पाकिस्तानी नंबर पर बातचीत को आतंकी साजिश का आधार नहीं माना जा सकता, पढ़िए पूरा मामला

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 11 May 2022 01:14 PM (IST)

    आरोपितों को साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले सुहान और अब्दुल राशिद को साल 2001 में गुजरात के संथालपुर में आरडीएक्स एके 56 राइफल और अन्य हथ ...और पढ़ें

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    पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहे मुकदमे में पांच आरोपितों पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध रखने का था आरोप।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पटियाला हाउस कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध रखने के आरोपित पांच लोगों को आरोपमुक्त कर दिया है। कोर्ट ने मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद राशिद, अशबुद्दीन, अब्दुल सुभान और अरशद खान को आरोपमुक्त करते हुए कहा कि केवल मोबाइल फोन से पाकिस्तानी नंबर पर बातचीत को किसी आतंकी साजिश को साबित करने का आधार नहीं माना जा सकता।

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    पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने सभी आरोपितों को षड़यंत्र रचने और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के आरोपों से आरोपमुक्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि केवल एक-दूसरे से बातचीत करने या पाकिस्तानी नंबर से बातचीत करने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड की बरामदगी किसी भी साजिश के अस्तित्व को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

    बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मामले की जांच अधिकारी मनीषी चंद्रा ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पाकिस्तानी नंबर के स्वामित्व के बारे में विवरण एकत्र नहीं किया जा सका है। आरोपितों को साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले सुहान और अब्दुल राशिद को साल 2001 में गुजरात के संथालपुर में आरडीएक्स, एके 56 राइफल और अन्य हथियारों की खेप ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दोनों को दोषी ठहराया गया था।