Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंधमारी का खुलेगा राज? पुलिस को मिली आरोपियों की वाट्सएप चैट
संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के आरोपी और ग्रुप के अन्य लोग नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे। आरोपियों ने सिग्नल ऐप पर संसद पर हमले की प्लानिंग की थी। पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे। एक अधिकारी ने कहा कि मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था।

पीटीआई, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले आरोपियों ने भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर आधा दर्जन वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपी और ग्रुप के अन्य लोग नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे और उनसे जुड़े वीडियो शेयर करते थे।
क्रांतिकारी नेताओं से प्रेरित थे आरोपी
आरोपियों के सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वे क्रांतिकारी नेताओं से प्रेरित थे। इसलिए उन्होंने संसद में भगत सिंह के काम दोहराने का फैसला लिया था। इस बीच, पुलिस को मेटा से इन व्हाट्सएप ग्रुपों के सभी सदस्यों के साथ-साथ उनकी चैट का विवरण भी मिला है।
सिग्नल ऐप पर करते थे प्लानिंग
सूत्रों के मुताबिक, संसद में उपद्रव की प्लानिंग करने के लिए सिग्नल ऐप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे। एक अधिकारी ने कहा कि मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था। पुलिस उन चार आरोपियों के डुप्लिकेट सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है, जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट और जला दिए गए थे।
संसद में आरोपियों ने किया धुआं-धुआं
बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी सेंधमारी सामने आई थी। शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा में कूद गए। इसके बाद कलर स्मोक क्रैकर से लोकसभा में धुआं-धुआं कर दिया। वहीं, सदन के बाहर ठीक उसी समय अमोल शिंदे और नीलम ने भी जमकर उपद्रव किया।
इस दौरान नीलम 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते नजर आई। चारों के अलावा पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है। उन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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