Pakistan Spies: पाकिस्तानी जासूसों ने दिल्ली पुलिस को बताए कई अहम राज, रेलवे भी था निशाने पर
Pakistan Spies पाक जासूस का मकसद रेलवे कर्मचारियों को फंसाना और फिर ट्रेनों के जरिये सेना की इकाइयों और हार्डवेयर की आवाजाही की जानकारी हासिल करना था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Pakistan Spies: जासूसी के आरोप में पकड़े जाने के बाद पाकिस्तान भेजे गए पाक उच्चायोग के अधिकारी आबिद हुसैन (42) और ताहिर खान (44) ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जन संपर्क अधिकारी एसीपी अनिल मित्तल ने मीडिया में बयान जारी कर बताया कि पाक उच्चायोग के अधिकारी आबिद ने पूछताछ में जानकारी दी कि उसने कई फर्जी पहचान पत्रों बनाकर कई संगठनों और विभागों के लिए काम करने वाले लोगों को लुभाने की कोशिश की।
रेलवे के बारे में जानकारी जुटा रहा था आबिद
इतना ही नहीं, आबिद हुसैन और ताहिर खान ने भारतीय रेलवे में काम करने वाले शख्स से बात करने के लिए मीडियाकर्मी के भाई गौतम के नाम से तस्वीर खिंचवाई। उसने कहा कि उसे अपने भाई के लिए रेल आंदोलनों के बारे में जानकारी की आवश्यकता है, ताकि वह भारतीय रेलवे पर कहानी तैयार कर सकें। इसके लिए वह पैसे देने को तैयार थे। उसका असली मकसद रेलवे कर्मचारियों को फंसाना और फिर ट्रेनों के जरिये सेना की इकाइयों और हार्डवेयर की आवाजाही की जानकारी हासिल करना था।
बता दें कि पिछले दिनों नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारी आबिद और ताहिर भारत के खिलाफ जासूसी करते पकड़े गए थे। इंटर सर्विसिज इंटेजिलेंस (ISI) के जासूस पाकिस्तानी हाई कमिशन में काम करते हुए इन्फॉर्मेशन जुटा रहे थे। रविवार को उन्हें रंगे हाथ क्लासिफाइड डॉक्युमेंट एक्सचेंज करते पकड़ा गया। उनकी गिरफ्तारी ने पाकिस्तान के 'स्पाई ट्रैप' का नक्शा सामने रख दिया है।
फर्जी आइ कार्ड लेकर घूम रहे थे
बताया जा रहा है कि आबिद और ताहिर दोनों को ISI से पूरी ट्रेनिंग मिली है। आबिद हुसैन (42) और ताहिर खान (44) फर्जी आधार कार्ड लेकर घूम रहे थे। इस दौरान जिस कार दोनों घूम रहे थे वह जावेद हुसैन नाम का शख्स चला रहा था। ये सेना से लेकर रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को बार-बार प्रलोभन देकर जानकारियां निकालने चाह रहे थे।
वहीं, शक होने पर सैन्य खुफिया और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में पाकिस्तान उच्चायोग के तीन कर्मचारियों को चोरी के वर्गीकृत दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने की कोशिश करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।