Delhi Excise Policy: दिल्ली के राजस्व में 37 प्रतिशत से अधिक गिरावट, व्हिस्की और वाइन की बिक्री में आई कमी
Delhi Excise Policy 2021-23 लाइसेंसधारी जो अपने पंजीकृत ब्रांडों की मौजूदा कीमत पर बिक्री करने के लिए दो महीने की इस विस्तार अवधि का लाभ उठाने के इच्छुक हैं उन्हें दो महीने की फीस आदि जमा करना होगा।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली सरकार द्वारा आबकारी नीति के संदर्भ में तैयार कैबिनेट नोट में वित्त विभाग के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में राजस्व में 37 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
32 में से नौ जोन दुकानदारों ने बंद कीं शराब की दुकानें
इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में मुश्किल से 1485 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हो सका।कैबिनेट नोट में यह भी बताया गया है कि कुल 32 में से नौ जोन के दुकानदारों ने अप्रैल 2022 में दुकानें बंद कर दीं।
व्हिस्की और वाइन की बिक्री का सिलसिला नहीं रह सका बरकरार
तीन जोन के लाइसेंस लेने के बाद कंपनियों ने काम करने से मना कर दिया। इससे प्रति माह 193.95 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। 2019-20 के दौरान बिक्री में वृद्धि के बावजूद व्हिस्की और वाइन में क्रमश: 59.46 प्रतिशत और 87.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन बाद में इसे बरकरार नहीं रखा जा सका। इस संदर्भ में सरकार का पक्ष नहीं मिल सका।
नई शराब नीति ने दिया झटका
वित्त विभाग के एक नोट में, जो कैबिनेट नोट में शामिल था, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार बड़ी उम्मीदों के साथ नई आबकारी नीति लाई थी। इसका मकसद सरकारी स्टोरों में लीकेज खत्म करना और ठेकों के समान का वितरण एवं अवैध शराब की बिक्री को रोकना था।
उधर, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने देसी शराब की बिक्री के लिए निर्धारित लाइसेंस की अवधि को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी। इससे राजधानी दिल्ली में देसी शराब बेचने वाली सभी दुकानों को दो और महीने की राहत मिल गई है।
इस बाबत आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त अजय कुमार गंभीर द्वारा जा सर्कुलर में कहा है कि दिल्ली में देसी शराब की आपूर्ति के लिए लाइसेंस को दो महीनों के लिए एक अगस्त से 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाया जा रहा है।
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