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    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा बीजेपी में हुए शामिल

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 01 Dec 2021 05:33 PM (IST)

    शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सिरसा को कमेटी का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी। उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपना नामित सदस्य घोषित किया लेकिन पंजाबी ज्ञान की परीक्षा में असफल रहने के कारण सिरसा को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

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    मनजिंदर सिंह सिरसा ने अकाली दल भी छोड़ा और भाजपा में हुए शामिल।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने पद से इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने अकाली दल भी छोड़ दिया। अकाली दल छोड़ने के बाद अब वो भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली।

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    केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थामा। इस दौरान सिरसा ने अमित शाह और जेपी नड्डा को धन्यवाद दिया। भाजपा में शामिल होने से पहले सिरसा ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से इस्तीफा दिया। वह प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष थे।।



    मालूम हो कि मनजिंदर सिंह सिरसा पंजाबी बाग से डीपीएसजी का चुनाव हार गए थे। बावजूद इसके शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सिरसा को कमेटी का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी। उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपना नामित सदस्य घोषित किया, लेकिन पंजाबी ज्ञान की परीक्षा में असफल रहने के कारण सिरसा को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, इस संबंध में मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसी बीच मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वो बीजेपी के साथ जुड़ गए।


    सिरसा के बारे में कुछ बातें

    मनजिंदर सिंह सिरसा मूलतः हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले हैं। इनके पिता लंबे समय से एआईसीसी के मेंबर हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा एक बड़े व्यापारी हैं और फिलहाल दिल्ली के पंजाबी बाग में रहते हैं। पंजाबी बाग से पहले ये काउंसलर बने, बाद में एक उपचुनाव में भाजपा अकाली गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर पिछले प्लान में एमएलए भी बने। सुखबीर बादल के बेहद करीबी और किसान आंदोलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के मुखर विरोधी रहे। ये दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का भी चुनाव लड़ चुके हैं और गुरुद्वारों के माध्यम से आंदोलन में बॉर्डर पर लंगर की सेवा कर रहे थे।। सुखबीर बादल के सबसे करीबी लोगों में ये दिल्ली की राजनीति में माने जाते रहे और आज उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली।।