Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bird Flu in Delhi: बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत के बाद एम्स में अन्य बच्चों की भी हुई जांच

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Thu, 22 Jul 2021 08:11 AM (IST)

    दिल्ली के एम्स में बर्ड फ्लू से हरियाणा के गुरूग्राम जिला निवासी 12 साल के बच्चे की मौत के बाद पीआइसीयू में भर्ती रहे तीन अन्य बच्चों की भी जांच कराई गई। हालांकि इनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

    Hero Image
    बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत के बाद एम्स में अन्य बच्चों की भी हुई जांच

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एम्स में बर्ड फ्लू से हरियाणा के गुरूग्राम जिला निवासी 12 साल के बच्चे की मौत के बाद पीआइसीयू में भर्ती रहे तीन अन्य बच्चों की भी जांच कराई गई। एम्स के एक डाक्टर के मुताबिक बर्ड फ्लू से संक्रमित बच्चे को जिस पीआइसीयू में रखा गया था, वहां तीन और बच्चे भी भर्ती थे। इन बच्चों की भी जांच कराई गई है। हालांकि, इनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, बच्चे के इलाज के दौरान संपर्क में रहे डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए कहा गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे की मौत हुए 10 दिन हो चुके हैं।साथ ही यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है। साथ ही अस्पताल में सभी डाक्टर एन-95 मास्क लगाकर रहते हैं। साथ ही पीपीई किट पहनकर ही मरीजों के बीच जाते हैं। इसलिए इनके संक्रमित होने का खतरा नहीं है और न ही अभी तक किसी में लक्षण आए हैं।

    कोरोना और स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट नेगेटेवि आने पर एनआइवी भेजा गया सैंपल

    एम्स द्वारा बुधवार को बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत को लेकर आधिकारिक बयान जारी कर जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक बच्चे की कोरोना और स्वाइन फ्लू (इनफ्लुएंजा) की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसका सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) की लैब में भेजा गया था। एनआइवी की रिपोर्ट में बच्चे में एवियन इनफ्लुएंजा (एच5एन1) बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।

    एम्स द्वारा यह भी बताया गया कि बच्चे का पहले से ही एम्स से कैंसर का इलाज चल रहा था। उसे यहां कीमोथेरेपी के लिए लाया जाता था। निमोनिया होने के बाद दो जुलाई को उसे यहां भर्ती किया गया। सांस लेने में तकलीफ के चलते दो दिन एचडीयू (उच्च निर्भरता इकाई) में रखा गया। फेंफड़ों में संक्रमण बढ़ने से हालत गंभीर होने पर बच्चे को पीआइसीयू (बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई) में शिफ्ट किया गया। यहां सात दिन तक उसका इलाज चला। 11 जुलाई को उसकी मौत हो गई। इसके बाद एम्स प्रशासन ने पीआइसीयू को सैनिटाइज कराया गया है।