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Delhi AIIMS में ब्रेन डेड हो चुके रिटायर्ट BSF जवान के अंगदान से तीन लोगों को मिला नया जीवन

Delhi News हादसे के शिकार बीएसएफ के सेवानिवृत 52 वर्षीय जवान राकेश कुमार का बृहस्पतिवार देर रात एम्स ट्रामा सेंटर में अंगदान हुआ। उनके अंगदान से मिला हृदय व दोनों किडनी अलग-अलग तीन अस्पतालों ले जाकर मरीजों को प्रत्यारोपित किया गया। इससे तीन मरीजों को नया जीवन मिला।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Fri, 07 Oct 2022 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 11:24 AM (IST)
Delhi AIIMS में ब्रेन डेड हो चुके रिटायर्ट  BSF जवान के अंगदान से तीन लोगों को मिला नया जीवन
बीएसएफ के रिटायर जवान के अंगदान से तीन लोगों को मिला जीवन (फोटो- BSF के सेवानिवृत जवान राकेश कुमार)

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में एक बीएसएफ के सेवानिवृत जवान राकेश कुमार (52 वर्ष) मौत के बाद भी तीन लोगों को नया जीवन दे गए। बृहस्पतिवार देर रात एम्स ट्रामा सेंटर में उनका अंगदान किया गया। उनके अंगदान से मिला हृदय व दोनों किडनी अलग-अलग तीन अस्पतालों ले जाकर मरीजों को प्रत्यारोपित किया गया। इससे तीन मरीजों की जिंदगी एक बार फिर खुशहाल हो गई।

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एम्स से हृदय ग्रीन कारिडोर बनाकर धौला कुआं स्थिति आर्मी अस्पताल में राकेश कुमार का हार्ट ले जाया गया, जहां 49 वर्षीय सेना के जवान को हृदय प्रत्यारोपण किया गया। इसके अलावा दोनों कार्निया एम्स के राष्ट्रीय नेत्र बैंक में सुरक्षित रख लिया गया है।

ऊंचाई से गिरकर हुए थे घायल

राकेश मूलरूप से उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले थे। उनके भांजा और एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन के रेजिडेंट डाक्टर राहुल ने बताया कि वह फिरोजाबाद में ही चार अक्टूबर को करीब 15 फीट की ऊंचाई से गिर गए थे। इस वजह से सिर में गंभीर चोट लगने के कारण

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एम्स ट्रामा सेंटर के डाक्टरों ने परिवार को किया प्रेरित

बृहस्पतिवार रात उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। एम्स ट्रामा सेंटर के डाक्टरों व अंग प्रत्यारोपण संयोजकों ने परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया। एम्स के आर्बो (आर्गन रिट्रिवल बैंकिंग आर्गेनाइजेशन) के अनुसार उनके परिजनों ने हृदय, लिवर, दोनों किडनी व कार्निया दान करने की स्वीकृति दी थी। राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने हृदय आर्मी अस्पताल, लिवर व एक किडनी एम्स और दूसरी किडनी सफदरजंग अस्पताल को आवंटित किया। राकेश कुमार के लिवर में संक्रमण होने के कारण उसका इस्तेमाल नहीं किया गया।

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