स्वतंत्रता दिवस: लाल किले पर दिखेगी ऑपरेशन सिंदूर की झलक, प्रधानमंत्री के साथ बैठेंगे तीनों सेनाओं के अधिकारी
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में ऑपरेशन सिंदूर की झलक दिखेगी जिसमें इस अभियान से जुड़े 15 सैन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। झंडा फहराने के दौरान हेलीकॉप्टर ऑपरेशन सिंदूर के ध्वज दिखाएंगे। सुरक्षा के लिए चीनी कैमरों का उपयोग नहीं होगा और वाहनों की जांच के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर इस बार दर्शकों को लाल किले पर ऑपरेशन सिंदूर की झलक देखने को मिलेगी। प्रधानमंत्री के साथ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने में शामिल तीनों सेना के करीब 15 अधिकारी बैठे नजर आ सकते हैं।
झंडा फहराने के दौरान जिन हेलीकाप्टर से फूलों की वर्षा की जाएगी। उनपर ऑपरेशन सिंदूर के विशेष ध्वज लगे होंगे। सुरक्षा में कोई चूक न हो इसके लिए लाल किला आने वाले सभी वीआईपी से लेकर अन्य के वाहनों को इस बार अंडर व्हीकल सर्विलांस सिस्टम से नीचे से स्कैन करके जांच की जाएगी।
इससे गाड़ियों में नीचे की तरफ कहीं भी कोई विस्फोटक पदार्थ लगाए गए होंगे तो उसका पता लगाया जा सकेगा। मेहमानों को समारोह का बेहतर दृश्य दिखाने के लिए लाल किले में स्टेडियम जैसे स्तरीय बैठने की व्यवस्था की गई है।
वाहनों व आगंतुकों की बेहतर आवाजाही के लिए इंटरलकिंग फुटपाथ की व्यवस्था की गई है। इस साल सुरक्षा बंदोबस्त में चाइनीज कैमरे नहीं लगाए जाएंगे। इजराइल में पिछले साल सितंबर में हुई एक घटना के बाद भारत सरकार ने चाइनीज कैमरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।
ऑपरेशन सिंदूर सात मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के ठिकानों को तबाह करने करने के लिए शुरू किया गया था और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया था।
15 अगस्त को लाल किले पर होने वाले समारोहों के दौरान सेना की वीरता को दिखाया जाएगा। 79वें स्वतंत्रता दिवस के लिए दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर सुरक्षा व्यवस्था पहले से कड़ी कर दी है।
बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल कर सुरक्षा अभ्यास के अलावा होटलों का निरीक्षण, सत्यापन के साथ ही गश्त बढ़ा दी गई है। स्नाइपर्स, स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स (स्वाट) कमांडो, ड्रोन और चेहरे की पहचान की सुविधा वाले 700 एआइ जनित सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा होंगे।
विशेष कैमरे आगंतुकों की गिनती भी कर सकते हैं। एक अधिकारी का कहना है कि शीशे से गाड़ी के नीचे की जांच की पारंपरिक प्रक्रिया के साथ-साथ दिल्ली पुलिस यूवीएसएस का इस्तेमाल करके वाहनों के नीचे की जांच करेगी।
पहली बार ब्लीचर सीटिंग सिस्टम (स्टेडियम जैसे बैठने) की व्यवस्था लागू की जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में समारोह में जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए अधिकारियों ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से इंटरलाकिंग फुटपाथ बनाने में मदद मांगी है।
15 अगस्त को पुलिस ''पतंग पकड़ने वालों'' को भी तैनात करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कटी पतंगें लाल किले के ऊपर प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में न आ सकें।
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