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    Delhi Flood: राहत शिविरों में रहने वालों को ही मिलेगा 10 हजार रुपये का मुआवजा, परिवार के मुखिया को मिलेगी मदद

    By Edited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 20 Jul 2023 09:43 PM (IST)

    यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद राजधानी के कई इलाकों में जलभराव हो गया था। इसके बाद तमाम लोगों ने प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में आश्रय लिया था। दिल्ली सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों को 10-10 हजार मुआवजा राहत शिविरों में रहने वालों को ही मिलेगा। बाढ़ प्रभावित सभी जिले अपने यहां राहत शिविरों में रहने वालों की सूची तैयार कर रहे हैं।

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    बाढ़ प्रभावित सभी जिले अपने यहां राहत शिविरों में रहने वालों की सूची तैयार कर रहे हैं।

    नई दिल्ली, अजय राय। यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद राजधानी के कई इलाकों में जलभराव हो गया था। इसके बाद तमाम लोगों ने प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में आश्रय लिया था। दिल्ली सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों को 10-10 हजार मुआवजा राहत शिविरों में रहने वालों को ही मिलेगा। बाढ़ प्रभावित सभी जिले अपने यहां राहत शिविरों में रहने वालों की सूची तैयार कर रहे हैं। वहीं, जिन लोगों के आधार कार्ड समेत अहम दस्तावेज खो गए हैं, उनके लिए सभी जिलों में विशेष कैंप लगाया जाएगा।

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    राजधानी में जलभराव वाले कॉलोनियों से लोगों को जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में जाने की अपील की जा रही थी, इसके लिए बसों का इंतजाम भी किया गया था। इसमें कुछ लोग तो गए, लेकिन बड़ी संख्या लोग शिविरों में जाने से मना कर दिए थे। अपने घर या झुग्गी की रखवाली करने के लिए कॉलोनी के आसपास ही तिरपाल आदि डालकर ठीकाना बना लिया था।

    बैंक में खाता होना भी आवश्यक

    अब मुआवजा वितरण के दिशा निर्देश में तय किया गया है कि जो लोग राहत शिविरों में रह रहे थे, उन्हें 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह मुआवजा परिवार के मुखिया को मिलेगा। उसके पास किसी बैंक में खाता होना आवश्यक है।

    मुआवजे की रकम दिए गए बैंक खाते में ही दी जाएगी, जिनका बैंक में खाता नहीं है, उनका खाता खुलवाने के लिए भी विशेष शिविर लगाया जाएगा। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि जिनकी फसल का नुकसान हुआ है उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए 2021-22 में तय फसल मुआवजा नीति के अनुसार, ही मदद दी जाएगी। कोई परिवार ऐसा भी हो सकता है कि उसकी फसल बाढ़ में खराब हो गई होगा और उसने राहत शिविर में आश्रय भी लिया होगा। ऐसे में उस परिवार को दोनों मुआवजा मिलेगा।

    जिन लोगों के हर प्रकार के दस्तावेज खो गए हैं उनकी जिला प्रशासन इलाके में जांच करेगा। इसकी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को भेजी जाएगी और मंत्रालय इस पर फैसला लेगा। वहीं, जिन लोगों ने शिविरों में जाने से मना कर दिया था, उन्हें पूर्व की योजना के तहत मदद दी जाएगी।

    पूर्व की योजना के बारे में पूछने पर अधिकारियों ने बताया कि पहली बार बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिया जा रहा है। इसलिए सरकार की तरफ से जो भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे, उसी के मुताबिक आर्थिक मदद दी जाएगी। बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 16 जुलाई को मुआवजा देने की घोषणा की थी।

    इन दस्तावेज से होगी पहचान

    -आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, डाकघर का पासबुक, गैस कनेक्शन बिल, प्रॉपर्टी के कागज, जन्म प्रमाणपत्र समेत अन्य सरकारी दस्तावेज।