दिल्ली में 15 लाख वयस्कों को लगना था टीबी का टीका, सिर्फ 46 हजार लोगों को लगा; अधिकारी चिंतित
दिल्ली के पांच जिलों में करीब 15 लाख वयस्क लोगों को टीबी का टीका दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित था लेकिन 46 हजार वयस्कों ने ही टीका लिया। निर्धारित लक्ष्य से कम टीकाकरण होने से इस अभियान से जुड़े अधिकारी भी चिंतित हैं। दिल्ली में टीबी का संक्रमण काफी ज्यादा है। जानिए इस अभियान से जुड़ी खास बातें और अधिकारियों की चिंता।

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। देश को टीबी मुक्त बनाने के मकसद से केंद्रीय टीबी डिविजन व भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पहल के तहत ट्रायल के रूप में वयस्क लोगों को बीसीजी का टीका देने के लिए निर्धारित अवधि खत्म हो गई है। तीन माह की इस निर्धारित अवधि में दिल्ली के पांच जिलों में करीब 15 लाख वयस्क लोगों को टीबी का टीका दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन 46 हजार वयस्कों ने ही टीका लिया।
इस वजह से निर्धारित लक्ष्य से 97 प्रतिशत कम लोगों को टीका लग पाया। क्योंकि लोगों ने इस अभियान में विशेष रूचि नहीं दिखाई। इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी यह अभियान प्रभावित हुआ।
अभियान से जुड़े अधिकारी चिंतित
निर्धारित लक्ष्य से कम टीकाकरण होने से इस अभियान से जुड़े अधिकारी भी चिंतित हैं। दिल्ली के परिवार कल्याण निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस अभियान को एक माह के लिए बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस माह के अंत तक ट्रायल के लिए चिह्नित जिलों के टीके के लिए सहमति देने वाले वयस्क लोगों को बीसीजी टीके की एक डोज दी जाएगी।
दिल्ली में ज्यादा है संक्रमण
दिल्ली में टीबी का संक्रमण ज्यादा है। एक लाख की आबादी में 545 लोग टीबी से पीड़ित पाए जाते हैं। यहां टीबी के मरीजों में 14 वर्ष तक की उम्र की संख्या करीब नौ प्रतिशत होती है। अभी तक टीबी के संक्रमण से बचाव के लिए सिर्फ बच्चों को ही बीसीजी का टीका दिए जाने का प्रावधान है। बच्चों की तुलना में वयस्क लोग टीबी से अधिक पीड़ित होते हैं।
टीकाकरण के बगैर देश का टीबी मुक्त आसान नहीं
ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि वयस्क लोगों के टीकाकरण के बगैर भारत को जल्दी टीबी मुक्त कर पाना आसान नहीं होगा। इसके मद्देनजर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की पहल दिल्ली में ट्रायल के रूप में 14 मई को उत्तर पूर्वी, पूर्वी, दक्षिणी, नई दिल्ली व पश्चिमी दिल्ली में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बीसीजी का टीका दिए जाने का अभियान शुरू हुआ।
15 लाख लोगों का था लक्ष्य
तीन माह में करीब 15 लाख वयस्क लोगों को बीसीजी के टीके की एक डोज दिए जाने का लक्ष्य था। इसकी तुलना में निर्धारित समय में सिर्फ तीन प्रतिशत लोगों को टीका लगा। यह टीका लेने वाले भी ज्यादातर ऐसे लोग हैं जिन्हें पांच वर्ष पहले टीबी हुआ था और जो तीन वर्ष के भीतर टीबी मरीजों के संपर्क में आए हुए थे।
बुजुर्गों को टीबी का खतरा अधिक होता है। बुजुर्गों, डायबिटीज से पीड़ित व धुमपान करने वाले लोगों को खास टीका नहीं लग पाया है। अभी ऐसे लोगों को टीका देने पर जोर अधिक होगा। इस ट्रायल का मकसद यह देखना है कि बीसीजी का टीका वयस्क लोगों में टीबी के संक्रमण से बचाव में कितना असरदार है। ट्रायल में सकारात्मक परिणाम पाए जाने पर वयस्क लोगों को टीबी का टीका दिए जाने का प्रविधान किया जा सकता है।
पिछले वर्ष टीबी से 3902 लोगों की हुई मौत
दिल्ली में वर्ष 2022 में एक लाख पांच हजार से अधिक टीबी के मरीज सामने आए थे। इसके मुकाबले पिछले वर्ष छह प्रतिशत कम मरीज पाए गए। इस वर्ष आठ महीने में 72 हजार से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं पिछले वर्ष 3902 लोगों की मौतें हुई थीं।
दिल्ली में इस वर्ष अब तक पंजीकृत टीबी के मरीज- 72,281
वर्ष 2023 में पंजीकृत मरीज- 98,531
वर्ष 2022 में पंजीकृत मरीज- 1,05,232
दिल्ली में टीबी से मौतें
2023- 3902
2022- 4439
2021- 3141
2020- 3101
2019- 4510
2018- 4315
2017- 4131
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