दिल्ली पुलिस ने किया फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश, डिजिटल फार्म में सैकड़ों फर्जी डिग्रियां बरामद
दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ किया है जिसमें दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। आरोपियों ने एक व्यक्ति से स्नातक की डिग्री दोबारा जारी करने क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: साइबर थाना सेंट्रल जिला की टीम ने एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
आरोपितों ने एक आईटी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी से स्नातक की डिग्री दोबारा जारी करने के नाम पर 1,55,874 रुपये की ठगी की।
पुलिस ने आरोपितों से इस मामले में 4 मोबाइल फोन और 7 सिम कार्ड जब्त किए हैं, जिनमें सैकड़ों फर्जी डिग्रियों का डेटा मिला है।
इस तरह हुए फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश
पीड़ित पिछले 6–7 वर्षों से गुरुग्राम स्थित एक आईटी फर्म में अनुबंध के आधार पर कार्यरत था। परमानेंट करने की प्रक्रिया के दौरान पता चला कि उसके पास केवल मार्कशीट है, डिग्री नहीं।
डिग्री प्राप्त करने में असफल रहा, जिस पर उसने अपने मैनेजर से बात की, जिसने उसे कपिल झाझड़ से संपर्क करने के लिए कहा।
कपिल ने शुरू में 25,000 से 30,000 की मांग की, लेकिन बाद में अलग-अलग बहानों से कई बार पैसे मंगवाए। इस तरह 1,55,874 की रकम वसूलने लिए।
बिना हस्ताक्षर वाली फर्जी डिग्री थमाई, कंपनी ने की खारिज
कपिल ने मानव भारती विश्वविद्यालय की एक फर्जी बिना हस्ताक्षर वाली बीए डिग्री दी। इस डिग्री को कंपनी की ओर से खारिज कर दिया गया।
इसके बाद 20 मार्च 2025 को कपिल ने पीड़ित का मोबाइल नंबर ही ब्लॉक कर दिया। इस पर पीड़ित साइबर थाना पुलिस के पास पहुंचा और केस दर्ज कराया।
पुलिस टीम ने तकनीकी सर्विलांस और गहन जांच के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित कपिल झाझड़ को हरियाणा के भिवानी के गांव बोहल से गिरफ्तार किया।
फर्जी डिग्री बनाने वाली महिला को कड़कड़डूमा से पकड़ा
पूछताछ में कपिल ने स्वीकार किया कि उसने फर्जी डिग्री खुद नहीं बनाई थी बल्कि उसे एक महिला साथी दामिनी शर्मा से प्राप्त की थी।
इसके बाद पुलिस ने दिल्ली के कड़कड़डूमा क्षेत्र से दामिनी शर्मा को भी गिरफ्तार किया। उसके पास से तीन मोबाइल फोन और पांच सिम कार्ड बरामद हुए, जिनमें सैकड़ों फर्जी डिग्रियां डिजिटल रूप में मौजूद थीं।
पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की जांच में जुटी हुई है। फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के इस रैकेट से जुड़े और भी नाम सामने आने आने की संभावना है।
- निधिन वालसन, उपायुक्त, सेंट्रल जिला, नई दिल्ली

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