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    iPhone की जगह निकला बर्तन धोने वाला साबुन, उपभोक्ता आयोग ने अमेजन और विक्रेता कंपनी पर लगाया एक लाख का जुर्माना

    By Ashish GuptaEdited By: Geetarjun
    Updated: Sat, 28 Oct 2023 07:46 PM (IST)

    आईफोन के स्थान पर पैकेट में ग्राहक को बर्तन साफ करने वाले साबुन की डिलीवरी करने पर उपभोक्ता आयोग ने अमेजन और विक्रेता कंपनी पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। आयोग ने आदेश में कहा कि ग्राहक ने सीधे विक्रेता से उत्पाद नहीं खरीदा था। अमेजन के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी की थी जोकि एक अंतरराष्ट्रीय नाम है। ऐसे में भुगतान करने के लिए दोनों उत्तरदायी होंगे।

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    iPhone की जगह पैकेट में दिया बर्तन धोने वाला साबुन, अमेजन और विक्रेता कंपनी पर लगाया एक का जुर्माना

    जागरण संवददाता, पूर्वी दिल्ली। आईफोन के स्थान पर पैकेट में ग्राहक को बर्तन साफ करने वाले साबुन की डिलीवरी करने पर उपभोक्ता आयोग ने अमेजन और विक्रेता कंपनी पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। आयोग ने आदेश में कहा कि ग्राहक ने सीधे विक्रेता से उत्पाद नहीं खरीदा था।

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    अमेजन के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी की थी, जोकि एक अंतरराष्ट्रीय नाम है। ऐसे में भुगतान करने के लिए दोनों उत्तरदायी होंगे। इस राशि का भुगतान ग्राहक को मुआवजे के रूप में किया जाएगा। साथ ही आईफोन की कीमत 98,499 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज समेत ग्राहक को लौटाने का आदेश दिया है।

    ग्राहक ने सुबूत के तौर पर पैकेट खोलते वक्त का वीडियो आयोग को मुहैया कराया था। जिससे अमेजन व विक्रेता कंपनी झूठी साबित हुई।

    फरवरी 2018 में किया था मोबाइल ऑर्डर

    ऑनलाइन शापिंग करने पर उत्पाद के डिब्बे में पत्थर या साबुन निकलने की तमाम घटनाएं आए दिन सामने आती हैं। फरवरी 2018 में खेड़ा खुर्द के रॉबिन मनन के साथ भी ऐसा हुआ था। उन्होंने अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की वेबसाइट पर एपल आईफोन 10 ऑर्डर किया था। इसके लिए 98,499 रुपये का भुगतान किया था।

    एक दिन की जगह दो दिन बाद हुई डिलीवरी

    रॉबिन ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को शिकायत में बताया था कि अमेजन का प्राइम मेंबर होते हुए डिलीवरी एक दिन के भीतर नहीं की गई। ऑर्डर के दो दिन बाद अमेजन की ओर से एक डिलीवरी एजेंट ने पैकेट दिया। उसे खोलकर देखा तो उसमें बर्तन साफ करने वाला साबुन निकला।

    सीसीटीवी में रिकॉर्ड की पैकेट खोलने की घटना

    रॉबिन ने सतर्कता दिखाते हुए पैकेट घर में सीसीटीवी कैमरा लगे हुए स्थान पर खोला था। इससे पैकेट खोलने के दौरान का वीडियो उसमें रिकॉर्ड हो गया। अमेजन पर यह फोन विक्रेता अप्पारियो रिटेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बेचा गया था, बिल पर उसका नाम लिखा था।

    ग्राहक सेवा केंद्र से की शिकायत

    इसकी शिकायत डिलीवरी करने वाले एजेंट और अमेजन के ग्राहक सेवा केंद्र पर की गई थी। लेकिन, उनको न ही रिफंड किया गया और न ही उनको आईफोन मुहैया कराया गया। अमेजन की तरफ से एक मेल में उनको यह बताया गया कि डिलीवरी के वक्त पैकेट में आईफोन मौजूद था।

    रॉबिन ने आयोग को शिकायत के साथ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की सीडी जमा कराई थी। उनकी यह शिकायत सुनवाई के लिए उत्तर पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को स्थानांतरित की गई थी।

    आयोग के नोटिस पर अमेजन ने लिखित जवाब में आरोप को झूठा बताते हुए पक्ष रखा कि शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है। साथ ही दलील दी कि वह केवल एक मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है, जिस पर विक्रेता अपना उत्पाद ग्राहक को बेचता है। उसका सीधे ग्राहक से कोई लेनदेन नहीं होता।

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    इसी तरह अप्पारियो रिटेल प्राइवेट लिमिटेड ने लिखित पक्ष में रबिन के आरोपों को झूठा बताया और शिकायत खारिज करने की मांग की। आयोग ने राबिन द्वारा जमा कराई गई सीडी को चलाकर देखा।

    आयोग के अध्यक्ष सुरिंदर कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाले कोरम ने पाया कि वीडियो देख पाया कि पैकेट से आईफोन नहीं साबुन निकला था। वहीं अमेजन और विक्रेता कंपनी यह साबित नहीं कर पाईं कि पैकेट आईफोन का था। इस आधार पर आयोग ने निर्णय रॉबिन के पक्ष में सुनाया।