Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    एक बार फिर धनंजय रमन ने माता-पिता को किया गौरवान्वित, जेईई एडवांस परीक्षा में देश में मिली दूसरी रैंक

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Fri, 15 Oct 2021 08:16 PM (IST)

    धनंजय ने जेईई एडवांस परीक्षा में आल इंडिया रैंकिंग में दूसरा और दिल्ली में प्रथम स्थान प्राप्त कर एक बार फिर अपने माता-पिता व गुरुजन काे गौरवान्वित महसूस कराया है।बताया कि मेरे लक्ष्य जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर IIT मुंबई में कंप्यूटर साइंस विषय में दाखिला लेना था।

    Hero Image
    आइआइटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस विषय में अब लेंगे दाखिला

    नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। एक के बाद एक कई सफलताओं के बीच द्वारका सेक्टर-2 स्थित महालक्ष्मी अपार्टमेंट निवासी धनंजय रमन के खाते में अब एक और नई सफलता जोड़ गई है। धनंजय ने जेईई एडवांस परीक्षा में अखिल भारतीय रैंकिग (आल इंडिया रैंकिंग) में दूसरा और दिल्ली में प्रथम स्थान प्राप्त कर एक बार फिर अपने माता-पिता व गुरुजन काे गौरवान्वित महसूस कराया है। रमन ने बताया कि मेरे लक्ष्य हमेशा से जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर आइआइटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस विषय में दाखिला लेना था। जहां तक रैंकिंग की बात है, मुझे उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि रैंक अच्छी हो या बुरी इस पर मैंने कभी उस पर ध्यान केंद्रित ही नहीं किया। पर हां मेरे माता-पिता व गुरुजन मेरी रैंक से काफी खुश है। मुझे याद है जेईई मेन्स परीक्षा में मेरी 146 रैंक की जानकारी मिलने के बाद ये लोग काफी दुखी हो गए थे, क्योंकि उन्हें मुझसे अच्छी रैंक की उम्मीद थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सातवीं क्लास से ही एडवांस परीक्षा की तैयारी में जुटा

    धनंजय बताते हैं कि मुझे आज काफी अच्छा महसूस हो रहा है, क्योंकि कक्षा सातवीं से ही मैं जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता के लिए अभ्यास कर रहा हूं और आज मेरी तपस्या पूरी हो गई है। कक्षा सातवीं में ही मैंने फिटजी कोचिंग सेंटर जाना शुरू कर दिया था।

    माता-पिता ने पढ़ने के लिए किया प्रेरित

    लाकडाउन के दौरान आनलाइन कक्षाएं होती थी, पर केवल आनलाइन कक्षा के समय तक ही मैं पढ़ाई करता था शेष समय में पढ़ने का कभी मन नहीं करता था। असल में मेरी हमेशा से ही कोशिश रही थी कि मैं अपनी पढ़ाई कोचिंग सेंटर में ही पूरी करो। लाकडाउन के दौरान कोचिंग सेंटर बंद थे, ऐसे में घर की चार दीवारी के भीतर पढ़ने में मन नहीं लगता था। हालांकि माता-पिता ने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन मेरे लिए समर्पित कर दिया है। सेवानिवृत्ति के बाद से माता-पिता मेरी पढ़ाई पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे है। लाकडाउन में मिली थोड़ी राहत के बाद मैंने अध्यापकों की मदद से कोचिंग सेंटर में जाकर पढ़ाई करने की व्यवस्था की। सुबह साढ़े 11 बजे से शाम छह से सात बजे तक पढ़ाई करता था।

    पहले भी प्राप्त की है कई उपलब्धियां

    धनंजय बताते हैं कि दिन-प्रतिदिन तकनीकी की तरफ हमारे झुकाव को ध्यान में रखते हुए मैंने कंप्यूटर साइंस विषय में इंजीनियरिंग करने का फैसला लिया है। श्रीनिवास रामानुजन से प्रभावित धनंजय उन्हीं की तरह देश में अपना व अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहते हैं।

    रोजाना करते हैं ध्यान

    2019 में बाल भारती स्कूल के विद्यार्थी रहे धनंजय ने रोमानिया में आयोजित 24वें अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनामी ओलंपियाड में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इससे पूर्व धनंजय ने 2017 में जूनियर साइंस टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन व कक्षा बाहरवीं में अंतरराष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड में भी स्वर्ण पदक हासिल किया है। धनंजय ने बताया कि शारीरिक तौर पर फिट रहने के लिए वे रोजाना रात को ध्यान करते है और कोचिंग सेंटर का आधा रास्ता पैदल चलकर पार करते है। जहां तक सोशल मीडिया पर सक्रियता होने की बात है धनंजय बताते हैं कि वे सोशल मीडिया से जुड़े जरूर हैं, लेकिन उनका प्रयोग काफी सीमित करते है। आनलाइन साइट पर ग्रुप पर चर्चा को वे अधिक तवज्जो देते हैं।