ओल्ड राजेंद्र नगर में मानसून में फिर डूबेंगी सड़कें, PWD ने नहीं किया कोई ठोस काम; पिछले साल हुई थी 3 छात्रों की मौत
Coaching Centre Deaths दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से छात्रों की मौत के बाद भी हालात नहीं सुधरे। PWD ने ड्रेनेज सुधारने के लिए ठोस काम नहीं किया। एमसीडी ने नालियां बनाई लेकिन पानी की निकासी का प्रबंध नहीं है। जलभराव की आशंका बनी हुई है क्योंकि नालों पर अतिक्रमण है।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने पर तीन यूपीएससी छात्रों की मौत को आठ माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद ओल्ड राजेंद्र नगर में हालात जस के तस हैं। पीडब्ल्यूडी को यहां ड्रेनेज की स्थिति सुधारनी थी, लेकिन इस विभाग ने कोई ठोस काम नहीं किया।
वहीं, एमसीडी अपने स्तर पर यहां बड़ा बाजार रोड पर दोनों तरफ नालियां जरूर बना रहा है, लेकिन इन नालियों का लाभ तभी है, जब यहां जमा होने वाले पानी की आगे बड़े नालों में निकासी हो सके।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की उदासीनता के कारण समस्या का ठोस समाधान नहीं हो सका है और आगामी मानसून में भी यहां जलभराव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से हुई थी 3 की मौत
ओल्ड राजेंद्र नगर में पिछले साल 27 जुलाई को वर्षा के दौरान राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी घुस गया था। इसके कारण बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में तीन छात्र फंस गए थे और उनकी मौत हो गई थी।
एमसीडी की आंतरिक जांच में सामने आया था कि शंकर रोड और पूसा रोड के बीच में बसे इस ओल्ड राजेंद्र नगर की बड़ा बाजार रोड इन दोनों सड़कों की तुलना में चार मीटर नीचे है, जिसकी वजह से वहां वर्षा होने पर भारी जलभराव होता है।
शंकर रोड से लेकर नानकसर गुरुद्वारे और गंगा राम अस्पताल के साथ ही उत्तरी मार्ग और अन्य मार्गों से होते हुए पानी बड़ा बाजार रोड पर राव आईएएस स्टडी सर्किल के सामने पहुंचता है। ऐसे में इस इलाके के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार किया जाना था। यह व्यवस्था की जानी थी कि इस सड़क पर नालियों से होकर गुजरे, न कि सड़क पर जलभराव हो।
पीडब्ल्यूडी को लिखे जा चुके हैं कई लेटर
दैनिक जागरण की टीम ने इस क्षेत्र में उत्तरी मार्ग सड़क का निरीक्षण किया। यहां पर कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं मिला। इतना ही नहीं, सरगंगा राम अस्पताल रोड पर बरसाती जल निकासी के लिए नाले जरूर बने हैं, लेकिन इस पर अतिक्रमण होने से पूरा नाला ढक गया है। इसी मार्ग पर कई जगह बरसाती नाले के बेलमाउथ भी गंदगी से अटे पड़े मिले।
इन वजहों से पानी सड़क के ऊपर बहकर कोचिंग के सामने जाकर इकट्ठा हो जाएगा। इस क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी को ड्रेनेज सिस्टम मजबूत करने और नाले की क्षमता बढ़ाने के साथ ही राव आईएएस स्टडी सर्किल के सामने ढलान के कारण यहां पर पानी इकट्ठा होने की स्थिति बनने से रोकने का कार्य करना था, लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए यहां पर जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य होता नहीं दिखाई दिया। ऐसा तब है, जबकि इसके लिए एमसीडी करोलबाग जोन के चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी को छह से अधिक पत्र लिख चुके हैं।
क्या है समस्या?
बड़ा बाजार रोड शंकर रोड और पूसा रोड से चार मीटर नीचे है। ऐसे में जब तेज वर्षा होती है तो पानी विभिन्न सड़कों पर ड्रेनेज न होने की वजह से बहकर बड़ा बाजार रोड पर राव आईएएस स्टडी सर्किल के पास जमा हो जाता है। यह पानी दरियाई नाले से होते हुए आगे शक्ति नगर के पास नजफगढ़ बेसिन में पहुंचता है।
यह छह किलोमीटर लंबा दरियाई नाला 40 साल पुराना है। इसमें तेज वर्षा में पानी निकासी की इसकी क्षमता नहीं है। बड़ा बाजार रोड से अतिक्रमण हटाने की बात कही गई थी, लेकिन अब भी पूरे मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में अवैध रेहड़ी-पटरी लग रही हैं, आसपास के नाले भी ढके हुए हैं।
क्या होना था समाधान?
- दरियाई नाले की क्षमता का आकलन कर उसके अनुरूप इसकी क्षमता बढ़ाने व नये नालों का निर्माण किया जाना है
- मौजूदा नालों की सफाई हो, बेलमाउथ साफ किए जाएं और क्षेत्र में ड्रेनेज पर किया गया अतिक्रमण खत्म किया जाए
- केवल बड़ाबाजार हीं नहीं, बल्कि उत्तरी मार्ग रोड और आसपास की दूसरी सड़कों में भी ड्रेनेज की उचित व्यवस्था हो
- बड़ा बाजार रोड पर राव स्टडी सर्किल के सामने पानी जमा होने से रोका जाए और अवैध रेहड़ी-पटरी को हटाया जाए
अभी नालों के निर्माण को नहीं मिली है मंजूरी
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि पूसा रोड के दोनों तरफ बरसाती नाले बनाने के लिए करीब 2.93 करोड़ का प्रस्ताव सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
वहीं, बड़ा बाजार रोड पर जलभराव रोकने के लिए पूसा रोड का स्तर 200 मिमी से 250 मिमी कम किया जा रहा है, ताकि 100 मीटर तक पानी निकासी के लिए ढलान बन सके। इसके साथ ही पूसा रोड पर बड़ा बाजार की दिशा में 25 मीटर लंबी नाली का निर्माण किया जा रहा है।
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