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    कई घातक बीमारियों का कारण बन रहा मोटापा, Delhi AIIMS में बढ़ेगी बेरिएट्रिक सर्जरी, बेड होंगे निर्धारित

    By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 01:10 AM (IST)

    मोटापा डायबिटीज ब्लड प्रेशर कैंसर सहित कई घातक बीमारियों का कारण बन रहा है। इन बीमारियों से बचाव के लिए मोटापा कम करने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी का चलन भी बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर एम्स प्रशासन ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को सर्जरी ब्लाक के जनरल वार्ड और प्राइवेट वार्ड में 15 दिन में बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड निर्धारित करने और सुविधाएं बढ़ाने का आदेश दिया है।

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    मोटापा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर सहित कई घातक बीमारियों का कारण बन रहा है। (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, रणविजय सिंह। मोटापा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर सहित कई घातक बीमारियों का कारण बन रहा है। इन बीमारियों से बचाव के लिए मोटापा कम करने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी का चलन भी बढ़ रहा है। एम्स में भी काफी संख्या में मरीज मोटापे की सर्जरी के लिए पहुंच रहे हैं। इसके मद्देनजर एम्स प्रशासन ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को सर्जरी ब्लाक के जनरल वार्ड और प्राइवेट वार्ड में 15 दिन में बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड निर्धारित करने और सुविधाएं बढ़ाने का आदेश दिया है। इसलिए जल्द ही बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड निर्धारित किए जाएंगे। इससे एम्स में मोटापे की सर्जरी बढ़ेगी।

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    15 वर्ष से सुविधा है उपलब्ध

    एम्स का जनरल सर्जरी विभाग करीब 15 वर्षों से बेरियाट्रिक की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। एम्स में अब तक करीब 1300 मरीज मोटापे की सर्जरी करा चुके हैं, लेकिन अभी तक मोटापे की सर्जरी कराने वाले मरीजों के लिए जनरल वार्ड और प्राइवेट वार्ड में अलग बेड निर्धारित नहीं थे। इस वजह से अभी ज्यादा सर्जरी नहीं हो पाती और बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए दो माह की वेटिंग है।

    अन्य बीमारियों से घिरने के बाद मरीज करा रहे मोटापे की सर्जरी

    जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि पहले बीएमआई 35 या उससे ज्यादा होने पर मोटापे की सर्जरी का प्रविधान था। करीब एक वर्ष पहले इसके दिशा निर्देश में बदलाव किया गया। मधुमेह या कोई अन्य बीमारी होने पर बीएमआइ 30 होने पर मोटापे की सर्जरी का प्रविधान हो गया है। इस वजह से डायबिटीज टाइप-2 से पीड़ित मरीज यह सर्जरी कराने के लिए बहुत आने लगे हैं। इसके अलावा घुटने की बीमारी, पालीसिस्टिक ओवरी डिजीज से पीड़ित महिलाएं और इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे लोग मोटापा की सर्जरी के लिए अधिक पहुंचते हैं। इस वजह से अभी बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड निर्धारित नहीं होने के बावजूद भी अब हर महीने 12 से 15 मरीजों की यह सर्जरी हो रही है।

    इन बीमारियों का कारण बनता है मोटापा

    प्रोफेसर ने कहा कि मोटापा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, गठिया, नान अल्कोहोलिक फैटी लिवर, पालीसिस्टिक ओवरी डिजीज, 13 तरह के कैंसर सहित कई अन्य बीमारियों का कारण बनता है। मोटापा की सर्जरी कराने के बाद 40 से 45 किलोग्राम तक वजन कम होता है। इससे जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम होता है। विभिन्न शोधों में यह बात साबित हुई है कि बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद मोटापा कम होने से डायबिटीज व फैटी लिवर की समस्या कम हो जाती है। कई मरीजों की यह बीमारियां ठीक भी हो जाती है। इस वजह से सिरोसिस व कैंसर से भी बचाव होता है।

    रिपोर्ट इनपुट- रणविजय सिंह