DUSU चुनाव के लिए NSUI का घोषणापत्र जारी, महिला सशक्तिकरण पर जोर और कई बड़े वादे
एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए दो घोषणापत्र जारी किए हैं। एक महिला छात्रों और दूसरा अन्य छात्रों के मुद्दों पर केंद्रित है। महिला घोषणापत्र में मासिक धर्म अवकाश और सुरक्षा जैसे मुद्दे हैं जबकि छात्र घोषणापत्र में शुल्क वृद्धि का विरोध और बेहतर बुनियादी ढांचे जैसे वादे शामिल हैं। एनएसयूआई प्रत्याशियों ने सभी पदों पर जीत का संकल्प लिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए एनएसयूआई ने शुक्रवार को दो अलग-अलग घोषणापत्र जारी किए। इनमें से एक घोषणापत्र खासतौर पर छात्राओं के लिए तैयार किया गया है, जबकि दूसरा पूरे परिसर के अन्य छात्रों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित है।
घोषणापत्र जारी करते हुए एनएसयूआई प्रत्याशियों ने भारतीय संविधान की प्रति हाथ में लेकर चारों पदों पर जीत का संकल्प लिया। अध्यक्ष पद की प्रत्याशी जोसलिन नंदिता चौधरी ने कहा कि लंबे समय बाद किसी महिला प्रत्याशी को अध्यक्ष पद का मौका मिला है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एनएसयूआई के गंभीर प्रयासों का प्रमाण है।
उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी राहुल झांसला ने विश्वास जताया कि इस बार डूसू की चारों सीटें एनएसयूआई के खाते में जाएंगी। वहीं, संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी लवकुश भड़ाना ने बेहतर छात्रावास और बुनियादी ढांचे को मुख्य मुद्दा बताया। इस मौके पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव, कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक, एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी, दिल्ली प्रभारी हनी बग्गा, डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री भी मौजूद रहे।
महिला घोषणापत्र के प्रमुख मुद्दे
- मासिक धर्म अवकाश: प्रत्येक सेमेस्टर में 12 दिन का अवकाश और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान।
- उत्पीड़न के प्रति शून्य सहिष्णुता: 24x7 आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र और कानूनी सहायता।
- सुरक्षा व्यवस्था: अधिक महिला गार्ड, सीसीटीवी कवरेज, स्ट्रीट लाइटिंग और महिलाओं के लिए विशेष शौचालय।
- सशक्तिकरण: प्रत्येक कॉलेज में आईसीसी और लैंगिक संवेदनशीलता कार्यशालाएं।
- सुविधाएं: सैनिटरी नैपकिन मशीन, चेंजिंग रूम और चिकित्सा परामर्श केंद्र।
छात्र घोषणापत्र के मुद्दे
- शुल्क वृद्धि को निरस्त करना और सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करना।
- नई शिक्षा नीति 2020 का विरोध और शिक्षा के निजीकरण को रोकना।
- बेहतर बुनियादी ढांचा: स्मार्ट कक्षाएं, स्वच्छ शौचालय, छात्रावास में सुधार।
- पारदर्शी परीक्षा प्रणाली और पेपर लीक की रोकथाम।
- मानसिक स्वास्थ्य: नियमित कार्यशालाएं और परामर्श केंद्र।
- निःशुल्क मेट्रो-बस सेवा और परिसर के लिए निःशुल्क शटल।
- 24x7 पुस्तकालय, निःशुल्क वाई-फाई और रेलवे आरक्षण केंद्र।
- समावेशी नीतियां और दिव्यांग छात्रों के लिए पांच हजार मासिक भत्ता।
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