NSE Phone Tampering Case: ED ने रामकृष्ण, रवि नारायण और संजय पांडे के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
ईडी ने कहा कि आरोप पत्र में नामित एनएसई के शीर्ष अधिकारियों समेत अन्य द्वारा साइबर कमजोरियों के अध्ययन के एक वैध अनुबंध की आड़ में की गई अवैध गतिविधि से धन हासिल करने की अनुमति देकर एनएसई को मौद्रिक नुकसान पहुंचाया।

नई दिल्ली, [विनीत त्रिपाठी]। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (NSE) के कर्मचारियों की अवैध फोन टैपिंग और जासूसी से संबंधित मनी लान्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण, पूर्व एमडी रवि नारायण और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। विशेष न्यायाधीश सुनेना शर्मा के समक्ष दो हजार पन्नों में दाखिल किए गए आरोप पत्र में ईडी ने फोन टैपिंग में शामिल पांडे की कंपनी आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को भी नामजद किया है।
ईडी ने कहा कि आरोप पत्र में नामित एनएसई के शीर्ष अधिकारियों समेत अन्य द्वारा साइबर कमजोरियों के अध्ययन के एक वैध अनुबंध की आड़ में की गई अवैध गतिविधि से धन हासिल करने की अनुमति देकर एनएसई को मौद्रिक नुकसान पहुंचाया।
रामकृष्ण, नारायण और एनएसई के अन्य शीर्ष अधिकारियों की सक्रिय सहायता और मदद से ही आईसेक ने 4.54 करोड़ रुपये की कमाई की और एक वैध स्रोत के माध्यम से अर्जित दिखाकर बेदाग धन का रंग दिया गया।
21 सितंबर तक भेजा न्यायिक हिरासत में
ईडी का पक्ष सुनने के बाद सुनेना शर्मा ने अहलमद (अदालत अधिकारी) को शिकायत के साथ दायर की गई सूची के साथ दस्तावेजों की जांच और मिलान करने का निर्देश दिया। वहीं, दो दिन की हिरासत के बाद पेश किए गए रवि नारायण को अदालत ने 21 सितंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने जेल अधीक्षक को डॉक्टर द्वारा निर्धारित कुछ दवाएं नारायण को उनकी हिरासत की अवधि के दौरान उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा ने अदालत से कहा कि आरोपित को मामले में और पूछताछ की जरूरत नहीं है। ईडी ने जुलाई में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे और एनएसई के पूर्व प्रमुखों के खिलाफ वर्ष 2009 और वर्ष 2017 के बीच कर्मचारियों के फोन टैप करने के आरोप में दर्ज किया था।
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