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    आइआइटी के वैज्ञानिकों का कमाल, अब 90 मिनट में हो सकेगी ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Tue, 14 Dec 2021 10:47 AM (IST)

    Omicron Variant India दिल्ली आइआइटी के विज्ञानियों ने आरटी-पीसीआर जांच की नई तकनीक विकसित की है जिससे 90 मिनट में ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि हो सकेगी। ट्रायल के दौरान सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद आइआइटी अब इसे किट के रूप में बाजार में लाने की तैयारी में जुट गया है।

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    Omicron Variant: आइआइटी के वैज्ञानिकों का कमाल, अब 90 मिनट में हो सकेगी ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता।  ओमिक्रोन का संक्रमण है या फिर नहीं है, इसका पता लगाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसकी वजह से न सिर्फ संक्रमण के शिकार लोगों की धड़कनें बढ़ी रहती हैं, बल्कि संपर्क में आए लोगों की भी चिंता बढ़ जाती है। दिल्ली आइआइटी के विज्ञानियों ने इस समस्या का हल ढूंढ़ लिया है। उन्होंने आरटी-पीसीआर जांच की नई तकनीक विकसित की है, जिससे महज 90 मिनट में ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि हो सकेगी। ट्रायल के दौरान सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद आइआइटी अब इसे किट के रूप में बाजार में लाने की तैयारी में जुट गया है।

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    आइआइटी दिल्ली के पदाधिकारियों ने बताया कि कुसुमा स्कूल आफ बायोलाजिकल साइंस के विज्ञानियों ने यह तकनीक विकसित की है। यह नई आरटी-पीसीआर जांच तकनीक ओमिक्रोन के उन म्यूटेशन को आधार बनाकर तैयार की गई है, जो किसी अन्य वैरिएंट में नहीं मिलते। ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए डाक्टरों को अभी जीनोम सीक्वेंसिंग करवानी पड़ रही है। इसकी रिपोर्ट कम से कम दो से तीन दिन में मिल रही है। कई मामलों में तो यह रिपोर्ट इससे भी ज्यादा दिन में मिल रही है।

    आइआइटी के विज्ञानियों का दावा है कि आरटीपीसीआर जांच की उनकी नई तकनीके के जरिये सिर्फ 90 मिनट में ओमिक्रोन की पुष्टि हो जाएगी। इससे ओमिक्रोन के संक्रमण को काबू करने में मदद मिल सकेगी। आइआइटी दिल्ली ने इससे पूर्व कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर जांच तकनीक को विकसित किया था। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से अनुमति मिलने के बाद इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।

    पेटेंट के लिए किया आवेदन

    आइआइटी ने इस तकनीक का पेटेंट कराने के लिए आवेदन कर दिया है। आइआइटी के विज्ञानियों ने बताया कि कई निजी कंपनियों ने इस तकनीक को किट के रूप में विकसित करने में दिलचस्पी दिखाई है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में किट तैयार होकर बाजार में आ जाएगी।