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    एमजे अकबर की अपील याचिका पर प्रिया रमानी को नोटिस, मी-टू अभियान के दौरान लगा था यौन उत्पीड़न का आरोप

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 11 Aug 2021 04:19 PM (IST)

    मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को आरोपों से मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री व पत्रकार एमजे अकबर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रमानी से जवाब मांगा है।

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    मानहानि याचिका खारिज करने के निचली अदालत के फैसले को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दी है चुनौती।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को आरोपों से मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री व पत्रकार एमजे अकबर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रमानी से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने रमानी को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 13 जनवरी 2022 तक के लिए स्थगित कर दी। अकबर ने अपील याचिका में दलील दी कि निचली अदालत ने इस मामले का फैसला इस तरह किया जैसे यह मानहानि का मामला न होकर यौन उत्पीड़न का मामला हो।

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    अकबर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर व गीता लूथरा ने दलील दी कि निचली अदालत का फैसला अनुमानों पर आधारित है और रद किए जाने योग्य है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने रमानी को गलती से बरी कर दिया है, जबकि अपने निष्कर्ष में अदालत ने माना है कि आरोप मानहानिकारक हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने दलील दी कि निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान उठाई गई किसी भी आपत्ति पर विचार किए बिना फैसला सुनाया।

    उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने मानहानि के मामले को यौन उत्पीड़न की शिकायत के रूप में मानने में गलती की है। अदालत को पेश किए गए सुबूतों पर मानहानि के मामले के नजरिए से विचार करना चाहिए था। मी-टू अभियान के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अकबर ने इसके बाद प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। इस मामले में राउज एवेन्यू अदालत ने 17 फरवरी को अकबर के मानहानि केस को खारिज करते हुए रमानी को आरोपों से मुक्त कर दियाा था।

    एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने कहा था कि यौन शोषण आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को खत्म कर देता है। साथ ही यह भी कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की कीमत पर नहीं की जा सकती है। रमानी ने वर्ष 2018 में अकबर पर शोषण का आरोप लगाया था। अकबर ने इसके बाद 17 अक्टूबर 2018 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोपों को झूठा बताते हुए रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।