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    North-West Delhi Seat Result 2024: योगेंद्र चंदोलिया ने दिल्ली में सबसे बड़े अंतर दर्ज की जीत, कांग्रेस की हार और BJP की जीत के ये रहे पांच कारण

    By Geetarjun Edited By: Geetarjun
    Updated: Wed, 05 Jun 2024 12:18 AM (IST)

    उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली सीट पर भी कांटे का मुकाबला होने वाला है। भाजपा से पहली बार योगेंद्र चांदोलिया (Yogendra Chandolia) सांसद बनने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस (आईएनडीआईए) ने उदित राज (Udit Raj) को मैदान में उतारा। उदित राज पूर्व में यहां से सांसद रह चुके हैं। उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई।

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    भाजपा से योगेंद्र चंदोलिया और कांग्रेस से उदित राज में होगी कांटे की टक्कर।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।उत्तर पश्चिमी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी योगेंद्र चंदोलिया ने कुल 14,87,207 मत पड़े। योगेंद्र चंदोलिया को 8,66,483 (58.26 प्रतिशत) वोट मिले। वहीं, उदित राज (कांग्रेस) को 5,75,634 वोट मिले। योगेंद्र ने दिल्ली में सबसे बड़े अंतर (2,90,849) से जीत दर्ज की है।

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    भाजपा की जीत के पांच कारण

    • मोदी के नाम व काम का लाभ मिला
    • मजबूत पार्टी संगठन
    • दिल्ली के स्थानीय निवासी व पार्टी कार्यकर्ता होने का लाभ
    • शहरी व ग्रामीण मतदाताओं का साथ
    • ढाई महीने लगातार जनसंपर्क

    कांग्रेस की हार के पांच कारण

    • टिकट के विरोध में बड़े नेताओं का पार्टी छोड़ना व चुनाव में भितरघात
    • जमीनी स्तर पर काडर का अभाव
    • आम आदमी पार्टी के नौ विधायकों में से ज्यादातर का प्रचार से दूर रहना
    • ग्रामीण मतदाताओं में पैठ की कमी
    • देरी से टिकट, प्रचार के लिए समयाभाव

    कुल 26 प्रत्याशी मैदान में

    दिल्ली में छठे चरण यानी 25 मई को चुनाव हुए थे। इसके बाद से सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई थी। सीट पर 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। उत्तर-पश्चिम सीट पर 25 लाख 60 हजार 672 लाख मतदाता हैं। अब इनके भाग्य का फैसला 4 जून को होगा।

    2008 में बनी थी यह सीट

    उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इससे पहले यह बाहरी दिल्ली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा थी। यह एक ऐसी सीट थी, जहां से पहले दो चुनावों में दो सांसद चुने गए थे। समय के साथ यह व्यवस्था बदल गई और दिल्ली में संसदीय क्षेत्रों की संख्या भी बढ़ गई।

    पहले लोकसभा चुनाव में तीन संसदीय क्षेत्र थे। अब यहां सात सीटों पर चुनाव होता है। उत्तर पश्चिमी दिल्ली में अब तक हुए तीन चुनावों में एक बार कांग्रेस और दो बार भाजपा को जीत मिली है। वर्तमान में हंसराज हंस यहां से सांसद हैं। 4 जून को पता चल जाएगा कि अब कौन सांसद बनेगा।

    अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है सीट

    साल 2008 के परिसीमन के बाद उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट बनाई गई। अस्तित्व में आने के बाद से ही यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने महिला नेताओं को इस क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा था। कांग्रेस की कृष्णा तीरथ ने बड़े अंतर से भाजपा की मीरा कांवरिया को मात दी थी।

     वर्ष 2014 में भाजपा ने डॉ. उदित राज को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने आम आदमी पार्टी की राखी बिड़लान को पराजित किया। तीरथ तीसरे स्थान रहीं थी।

    पिछले चुनाव में भाजपा ने पंजाबी गायक हंसराज हंस को अपना उम्मीदवार बनाया। टिकट कटने से नाराज उदित राज भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए। हंसराज ने भाजपा से आम आदमी पार्टी में गए पूर्व विधायक गुगन सिंह को पराजित किया। गुगन अब भाजपा में वापस लौट आए हैं।

    योगेंद्र चांदोलिया (भाजपा) की प्राथमिकताएं

    • नरेला तक मेट्रो का विस्तार कर लोगों को सुविधा देना
    • गांवों का समग्र विकास कराना
    • फ्लाईओवर निर्माण कराएंगे
    • जलभराव की समस्या से मुक्ति
    • यातायात व्यवस्था में सुधार कर जाम से मुक्ति दिलाना

    डॉ. उदित राज (कांग्रेस) की प्राथमिकताएं

    • विकास कार्यों को गति देना और सुविधाएं मुहैया कराना
    • नरेला तक मेट्रो विस्तार
    • रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर के निर्माण
    • अवैध कॉलोनियों को नियमित कराना
    • गांवों का विकास

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