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    Supertech Twin Tower: मौसम विज्ञानी ने बताया टावर गिराए जाने के दौरान किस दिशा में चलती रहेंगी हवाएं, दिल्ली पर क्या होगा असर?

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 27 Aug 2022 02:20 PM (IST)

    Noida Twin Tower स्काइमेट वेदर के वैज्ञानिक महेश पालावत ने कल यानि 28 अगस्त को हवा और मौसम के बारे में अन्य जानकारियां साझा की है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।

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    Noida Supertech Twin Tower- अब सिर्फ चंद घंटों के बाद टावर को गिराए जाने के समय का इंतजार है।

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Noida Twin Tower: नोएडा सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर(एपेक्स और सियान) को कल यानि 28 अगस्त को गिराए जाने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। काउंडाउन शुुरु हो चुका है। ट्रैफिक पुलिस और अन्य महकमों ने इस टावर के आसपास के लिए सारा प्लान फाइनल कर लिया है, अब सिर्फ चंद घंटों के बाद टावर को गिराए जाने के समय का इंतजार है।

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    भारतीय मौसम विभाग ने उस दिन हवा और मौसम के बारे में भी जानकारी साझा की है। इस दौरान दोपहर 2:15 बजे से 2:45 बजे तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से बंद रहेगा। टावरों में विस्फोट करने के दौरान आसपास 300 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

    स्काइमेट वेदर के वैज्ञानिक महेश पालावत ने कल यानि 28 अगस्त को हवा और मौसम के बारे में अन्य जानकारियां साझा की है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि रविवार 28 अगस्त को जब ट्विन टावर गिराया जाएगा उस समय हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा से चलेंगी।

    इस वजह से धूल का गुबार नोएडा में ही सीमित रहने का अनुमान है मगर 29 को हवा की दिशा बदल सकती है, उसके बाद धूल पूर्व से उड़ सकती है। जब हवा पूर्व में चलेंगी तो दिल्ली के लोगों को परेशानी होगी।

    मौके पर पहुंचे BJP विधायक पंकज सिंह ने कहा कि धूल से निपटने के लिए स्मोक गन, स्प्रिंकलर इन सब चीज़ों का इस्तेमाल होगा। यह एक बड़ी घटना है और स्वाभाविक रूप से सरकार, शासन, प्रशासन इसको काफी नजदीक से देख रहे हैं, टावर ध्वस्त होने के बाद निकलने वाले धूल आदि के कणों से भी निपटने की व्यवस्था की गई है।

    क्योंकि इतनी ऊंची इमारत गिरने से धूल का गुबार उठेगा और वो कई घंटों पर हवा में मौजूद रहेगा। सबसे अधिक परेशानी धूल के महीन कणों से होगी जो खुली आंखों से दिखाई नहीं देंगे मगर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह जरूर रहेंगे। यदि 29 अगस्त को हल्की सी बरसात हो गई तो धूल के इन कणों से छूटकारा मिल जाएगा और लोग राहत ले पाएंगे। हवा धूल के इन कणों को नीचे बिठा देगी और आसमान साफ हो जाएगा।

    9 सेकेंड में धराशायी होंगीं दोनों बिल्डिंग

    नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के दोनों टावरों में विस्फोट के जरिये गिराया जाएगा। सिर्फ 9 सेकेंड में दोनों बिल्डिंग धराशायी हो जाएंगी। इसके बाद 13 से 15 मिनट के भीतर धूल का गुबार थम जाएगा।

    विस्फोट के बाद 150 मीटर तक उठेगा स्वस्त इमारतों के धूल का गुबार

    दोनों टावरों के ध्वस्त होने पर करीब 150 मीटर ऊंचा धूल का गुबार उठेगा, जो करीब 100 मीटर के ही दायरे में फैलेगा। धूल का गुबार कितना ऊंचा और कितनी दूर तक जाएगा, यह हवा की गति और दिशा पर निर्भर करेगा।

    धूएं और धुएं पर नियंत्रण के लिए नहीं बनाई गई कोई योजना

    नोएडा के सुपरटेक के दोनों टावर (सियान और एपेक्स) दिल्ली के कुतुबमीनार से भी ऊंचे हैं। ऐसे में विस्फोट के बाद उठने वाले धूल के गुबार पर पर नियंत्रण के बारे में कोई योजना तक नहीं बनाई गई है।

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