नोएडा पुलिस के हाथ लगा पति-पत्नी और 'वो' का एंगल, सामने आई नकली लूट की असली कहानी
पुलिस ने होटल पहुंच कर सीसीटीवी फुटेज खंगाला तब पता चला कि वह पत्नी से झगड़ा करने के बाद इसी होटल में रात भर एक महिला के साथ रुका था।
नोएडा [सुरेंद्र राम]। दिल्ली से सटे नोएडा में एक सुपरवाइजर द्वारा अपनी पत्नी के साथ पुलिस को भी धोखा देने का मामला सामने आया है। एक महिला के साथ होटल में अय्याशी करने के बाद इस शख्स ने पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही उसकी पुलिस खुल गई। जांच में नोएडा सेक्टर-137 के पास कैटरिंग व हाउस कीपिंग कंपनी के सुपरवाइजर से हुई 62 हजार 500 रुपये लूट का मामला फर्जी पाया गया।
पत्नी से लड़ाई के रुका था महिला के साथ होटल में
अब पुलिस ने जांच के बाद दावा किया है कि पीड़ित के साथ लूट ही नहीं हुई थी, बल्कि वह 23 अप्रैल की शाम कंपनी का पैसा लेकर घर गया था। घर पर किसी बात को लेकर उसका पत्नी से झगड़ा हो गया। इसके बाद वह नाराज होकर घर से निकला और रायपुर गांव के पास स्थित एक होटल में रात भर रुका और इन्हीं पैसों से जमकर अय्याशी की। होटल में वह एक महिला के साथ रुका था।
होटल के सीसीटीवी में कैद हुई घटना
जांच में जुटी पुलिस का दावा है कि होटल के सीसीटीवी कैमरे में यह सुपरवाइजर अपनी करतूतों के साथ कैद हुआ है। कैमरे में उसके साथ एक महिला भी बातचीत करती हुई कैद हुई है। उसने कंपनी के पैसे से होटल का बिल दिया और बचे पैसे उस महिला को देकर वापस घर चला गया। इसके बाद वह 24 अप्रैल को सुबह नौ बजे ग्रेटर नोएडा के लिए चला और रास्ते में उसने पुलिस को रुपये लूटने की सूचना दे दी।
ऐसे खुला राज
पुलिस ने होटल पहुंच कर सीसीटीवी फुटेज खंगाला, तब पता चला कि वह पत्नी से झगड़ा करने के बाद इसी होटल में रात भर रुका था। फुटेज से पता चला कि उसने कंपनी से मिले पैसे से ही बिल का भुगतान किया। कंपनी के कर्मचारी ने नोटों की गड्डी को पहचान भी की है। फुटेज से पता चला कि उसके साथ एक महिला भी थी। बिल के बाद जो पैसे बचे थे, उसे उसने उस महिला को दे दिए। इंस्पेक्टर का कहना है कि कुछ और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं, जिसके बाद उस पर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले महीने की 24 अप्रैल को सेक्टर-137 के पास पुस्ते पर एक सुपरवाइजर से 62 हजार 500 रुपये लूट का मामला सामने आया था। बदरपुर दिल्ली निवासी यह शख्स कैटरिंग व हाउस कीपिंग कंपनी में सुपरवाइजर है। उसका कहना था कि वह ग्रेटर नोएडा के अल्फा-1 में काम कर रहे कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए जा रहा था। कंपनी से उसे 62 हजार 500 रुपये मिले थे। उसका आरोप था कि ओमनी कार व बाइक सवार पांच-छह बदमाशों ने उसे रोक लिया और मारपीट कर रुपये से भरा बैग छिन कर फरार हो गए। इस संबंध में एक्प्रसे-वे कोतवाली में लूट की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
शुरू से था सुपरवाइजर के बयान झोल
कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर हंसराज भदौरिया ने बताया कि यह वारदात शुरू से ही संदिग्ध लग रही थी। तथाकथित पीड़ित सुपरवाइजर ने बताया कि बदमाशों ने उसे डंडे से मारा, जिससे उसके हाथ में सूजन आ गई है। साथ ही उसने बताया था कि वह सुबह 10 बजे घर से निकला था। इस बात की पुष्टि के लिए पुलिस उसके घर गई। उसकी पत्नी ने बताया कि बीती रात उन दोनों के बीच झगड़ा हो गया था। गुस्से में उसने दीवार पर हाथ मार दिया था, जिससे उसके हाथ में चोट आई थी। उसकी पत्नी ने बताया कि वारदात के दिन वह सुबह 9 बजे से पहले ही बाइक लेकर घर से निकल गया था। उसके जाने के बाद उसकी पत्नी ने करीब 9 बजे किसी को कॉल की थी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि उसने स्कूल बैग में पैसे रखे हुए थे। यह बैग जांच के दौरान वारदात से कुछ दूरी पर एक पीपल के पेड़ के नीचे रखा मिला, जबकि लुटेरों को बैग फेंक देना चाहिए था। बैग में एक डायरी मिली, जिसमें सुपरवाइजर का दूसरा मोबाइल फोन नंबर मिला। इससे पहले वह दूसरा नंबर होने से इन्कार कर रहा था। दूसरे नंबर की लोकेशन एक होटल की मिली।