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    सुरक्षा कवच बन गई है जेल और कानून का डर हो चुका है खत्म... गैंग्सटरों के आतंक पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 08:46 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते गैंगस्टरों के आतंक पर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टरों के प्रति सहानुभूति नहीं होनी चाहिए क्योंकि वे जेलों और विदेश से रंगदारी रैकेट चला रहे हैं। कई कुख्यात गैंगस्टर जेलों को मुख्यालय बना चुके हैं जबकि कुछ विदेश से अपराध कर रहे हैं।

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    पुलिस के लिए सिरदर्द बने गैंग्सटरों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई चिंता।

    राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहे गैंग्सटरों के आतंक की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है।

    गैंग्सटरों के आतंक पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैंग्सटरों के प्रति किसी को भी सहानुभूति नहीं होनी चाहिए।

    शीर्ष अदालत ने गैंग्सटरों को लेकर पहली बार यह टिप्पणी एक कुख्यात अपराधी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान की।

    ऐसे लग रहा है पुलिस और कानून का डर खत्म हो चुका

    कोर्ट ने कहा कि आए दिन लोगों को धमकी देकर रंगदारी मांगने से ऐसा प्रतीत होता है कि गैंग्सटरों के अंदर पुलिस और कानून का डर खत्म हो चुका है।

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    कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी इसलिए की क्योंकि दिल्ली-एनसीआर के करीब 100 से अधिक कुख्यात गैंग्सटर या तो देश के विभिन्न जेलों अथवा विदेश में बैठकर गिरोह चला रहे हैं।

    देश के सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल हो अथवा अन्य जेल, ये गैंग्सटरों के लिए मुख्यालय बन गए हैं। हिमांशु उर्फ भाऊ, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, राेहित गोदारा, गोल्डी बराड़, लारेंस बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई माफिया काॅरपोरेट बन चुके हैं।

    यही हाल गैंगसटर ज्योति बाबा, काला जठेड़ी, छेनू, राशिद केबल वाला, हाशिम बाबा, कौशल चौधरी, अनवर चाचा, जग्गू भगवानपुरिया, संपत नेहरा, अजय वर्मा, अमित भूरा, नीरज बवाना, दीपक बाक्सर, मंजीत महाल व काला राणा आदि का भी है।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जेल सुरक्षा कवच बन गई है

    इनके लिए जेल कोई मायने नहीं रखता । जेल इनके लिए सुरक्षा कवच बन गई है। कुछ दशकों में जितने बड़े गैंग्सटर पकड़े गए अथवा उन्हें प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया।वे जेलों से मोबाइल के जरिये गिरोह चला रहे हैं और जो विदेश में हैं, वे वहां से आसानी से गिरोह चला रहे हैं।

    गैंग्स्टर अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला कनाडा तो कपिल सांगवान, ब्रिटेन से रंगदारी रैकेट चला रहा है। भाजपा पदाधिकारी सुरेंद्र मटियाला की हत्या सांगवान ने वहीं से निर्देश देकर कराई थी।

    पुलिस का कहना है कि आने वाले समय में गैंग्सटर दिल्ली-एनसीआर की पुलिस के लिए और बड़ा सिरदर्द बनने वाले हैं क्योंकि अधिकतर की कार्यप्रणाली मुंबई अंडरवर्ल्ड जैसी है। विदेश में रहते हुए अपने गुर्गों के माध्यम से हत्याएं और जबरन वसूली करवा रहे हैं।

    खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख और मारे गए आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का करीबी सहयोगी डल्ला, उत्तर-पश्चिम दिल्ली में एक व्यक्ति की नृशंस हत्या में शामिल है।

    दो साल पहले डल्ला को गृह मंत्रालय द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। हिमांशु भाऊ, पुर्तगाल से गिरोह चला रहा है, यह पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। इसपर 30 से अधिक हत्या के मामले दर्ज हैं।

    राजस्थान में करणी सेना प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के बाद सुर्खियों में आया रोहित गोदारा पहले पुर्तगाल में था। वर्तमान में वह अमेरिका में रह रहा है।

    गोल्डी बराड़ कई राज्यों की पुलिस के लिए बना सिरदर्द

    लारेंस बिश्नोई का सबसे करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़, कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी उसका पीछा कर रही है। यह भी पहले कनाडा में था अब अमेरिका में छिपा हुआ है।

    दविंदर सिंह उर्फ बंबीहा सिंडिकेट के सबसे बड़े गुर्गे गौरव उर्फ लकी पटियाल ने मूसेवाला की हत्या के बाद बिश्नोई को खत्म करने की कसम खाकर पुलिस का ध्यान अपनी ओर खींचा था।

    वह और सचिन बिश्नोई अजरबैजान में रह रहा है। गैंगस्टर से आतंकवादी बने लखबीर सिंह उर्फ लांडा हरिके, मोहाली में आरपीजी हमले और शिवसेना नेता की हत्या के अलावा दिल्ली और पंजाब के व्यापारियों को कई जबरन वसूली कालों में नाम आने के बाद से दिल्ली पुलिस की रडार पर है।

    उत्तर-पूर्वी दिल्ली का गैंगस्टर राशिद केबलवाला दुबई से पुलिस को चकमा दे रहा है। केबलवाला को आखिरी बार 2018 में सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। पैरोल मिलने पर वह दुबई भाग गया।

    मोस्ट वांटेड सूची में दीपक पाकस्मा और दानिश के भी नाम हैं। तिहाड़ जेल में सरगना सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के खात्मे के बाद पाकस्मा वर्तमान में ताजपुरिया गिरोह की कमान संभाल रहा है। दानिश वर्तमान में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जेल में बंद नासिर के नेतृत्व वाले गिरोह का संचालन संभाल रहा है।

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