निजामुद्दीन औलिया का जन्मदिवस धूमधाम से मनाने की तैयारी, गुलाब जल से धुलेगा मजार, फूलों से सजेगा दरगाह
कोरोना के कारण दो वर्ष यह आयोजन प्रभावित रहा था। इस वर्ष 20 सितंबर को इसका आयोजन भव्य तरीके से होगा। विशेष बात कि यह औलिया का 808 वां जन्मदिवस होगा। इ ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निजामुद्दीन औलिया का जन्मदिवस (गुसल शरीफ) धूमधाम और हर्षोउल्लास से मनाया जाएगा। कोरोना के कारण दो वर्ष यह आयोजन प्रभावित रहा था। इस वर्ष 20 सितंबर को इसका आयोजन भव्य तरीके से होगा। विशेष बात कि यह औलिया का 808 वां जन्मदिवस होगा। इसके लिए दरगाह में लाइटों के साथ गुलाब के फूलों से सजावट होगी।
बाहर से भी शामिल होने के लिए आएंगे लोग
दरगाह कमेटी द्वारा इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली के साथ ही बाहर के लोगाें को भी आमंत्रित किया जा रहा है। इस संबंध में दरगाह शरीफ के चेयरमैन सैयद अफसर अली निजामी ने बताया कि दो वर्ष बाद औलिया का जन्मदिवस धूमधाम और भव्य स्तर पर मनाने की तैयारी है। इसमें हजारों लोगों के शामिल होने का अनुमान है।
इस बार कोरोना को लेकर नहीं है पाबंदी
इस बार कोरोना को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। इसलिए आयोजन कोरोना से पहले के वर्षों की तरह हाेगा। इसमें दिल्ली व आस-पास के मशहूर कव्वाल औलिया के शिष्य अमीर खुसरो की कलाम पर कव्वाली की प्रस्तुति देंगे। इसी तरह बड़े स्तर पर लंगर का आयोजन होगा।
गुलाब के फूलों से महकेगी दरगाह
दरगाह के उर्स कमेटी के अध्यक्ष फरीद निजामी ने बताया कि औलिया के जन्मदिन पर उनकी दरगाह गुलाब के फूलों की खुशबू से महकेगी। पूरे दरगाह परिसर को फूलों से सजाया जाएगा। इसके साथ ही उनकी मजार को गुलाब जल से धोया जाएगा।
देखते ही बनेगी सफाई और सजावट
परिसर की विशेष रूप से सफाई व सजावट की जाएगी। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात्रि आठ बजे से आयोजन की शुरुआत होगी जो अगली सुबह तक चलेगा। पूरी रात कव्वाली की प्रस्तुति होगी। रात्रि 1.30 पर पवित्र दरगाह को धोया जाएगा। ऐसा करते समय मजार के चारों ओर पर्दा कर दिया जाएगा। दो-चार खास लोग ही मजार पर चढ़े चादरों को हटाकर उसकी सफाई करेंगे।
सभी धर्मों के लोग करते हैं इबादत
इस अवसर पर मिठाइयों से लोगों का मुंह भी मीठा कराया जाएगा। वहीं, सुबह फजल की नमाज के बाद फातिहा के साथ जन्मदिन उत्सव का समापन होगा।बता दें कि गंगा-यमुना तहजीब के प्रतीक निजामुद्दीन औलिया को मानने वालों में सभी धर्मो के लोग हैं, जिनको उनके जन्मदिवस का विशेष इंतजार रहता है। जन्मदिवस पर पूरी रात दरगाह लोगों से गुलजार रहता है। दिल्ली के साथ ही अन्य राज्यों से लोग यहां जियारत करने पहुंचते हैं।

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