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    'हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन', नितिन गडकरी बोले- सौर ऊर्जा हमारे ग्रह के लिए संजीवनी बूटी

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 02:54 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टेरी द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए ग्रामीण सशक्तिकरण और सतत मॉडल महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कृषि को ऊर्जा और बिजली की ओर मोड़ने जल संरक्षण में निवेश करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। गडकरी ने नवीकरणीय ऊर्जा विशेष रूप से सौर ऊर्जा और हाइड्रोजन को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।

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    केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने देश के ऊर्जा भविष्य में ग्रामीण सशक्तिकरण और सतत मॉडलों की केंद्रीयता पर बल दिया है। उनका कहना है कि सच्ची प्रगति हमारे गांवों को शहरों से ज्यादा मजबूत बनाने में निहित है।

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    चूंकि 80 प्रतिशत लोग अभी भी कृषि से जुड़े हैं, इसलिए हमें खेती को ऊर्जा और बिजली की ओर विविधतापूर्ण बनाना होगा, जल संरक्षण में निवेश करना होगा और ग्रामीण समृद्धि के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी तकनीकों का उपयोग करना होगा। नितिन गडकरी बुधवार को इंडिया हैबीटेट सेंटर में द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीटयूट (टेरी) द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में अपना वक्तव्य रख रहे थे।

    व्याख्यान का विषय था- ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर: भारत के लिए सतत परिवहन भविष्य का निर्माण'' था। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जल, जमीन और जंगल हमारे विकास मॉडल के आधार स्तंभ बने रहने चाहिए। नैतिकता, अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और पर्यावरण को एक साथ चलना होगा, तभी विकास रोजगार पैदा कर सकता है, गरीबी कम कर सकता है।

    साथ ही गर्व और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दे सकता है। नवीकरणीय ऊर्जा में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डालते हुए, गडकरी ने कहा, “सौर ऊर्जा हमारे ग्रह के लिए संजीवनी बूटी है और हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। मैं टोयोटा मिराई चलाता हूं, जिसका जापानी में अर्थ ही ''भविष्य'' होता है, क्योंकि मेरा मानना है कि हाइड्रोजन गतिशीलता और ऊर्जा में बदलाव लाएगा।

    उन्होंने कहा कि आज, हाइड्रोजन की कीमत लगभग पांच डालर प्रति किलोग्राम है। अगर भारत इसे घटाकर एक डालर प्रति किग्रा कर दे, तो हम न केवल ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के वैश्विक निर्यातक भी बन सकते हैं।”