Move to Jagran APP

nirbhaya case story: रूह कंपाने वाली थी 16 दिसंबर, 2012 की वह काली रात की दास्तां, पढ़ें पूरी स्‍टोरी

nirbhaya case story निर्भया और उसके दोस्‍त बस में सवार हो गए थे। उनके बस में सवार होते ही परिचालक ने दरवाजा बंद कर दिया और चालक बस लेकर चल पड़ा था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 11:27 AM (IST)
nirbhaya case story: रूह कंपाने वाली थी 16 दिसंबर, 2012 की वह काली रात की दास्तां, पढ़ें पूरी स्‍टोरी
nirbhaya case story: रूह कंपाने वाली थी 16 दिसंबर, 2012 की वह काली रात की दास्तां, पढ़ें पूरी स्‍टोरी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Nirbhaya Justice: वह 16 दिसंबर, 2012 की तारीख और दिन रविवार था। शाम को साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में दोस्त के साथ ‘लाइफ ऑफ पाई’ मूवी देखने के बाद 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी की छात्र और उसका दोस्त ऑटो में बैठकर रात नौ बजे मुनिरका पहुंचे थे। यहां बस स्टैंड के पास दोनों बस का इंतजार कर रहे थे। तभी 9.15 बजे आइआइटी की तरफ से सफेद रंग की लग्जरी बस इनके पास आकर रुक गई।

prime article banner

बहन जी कह कर बस में चढ़ाया

बस के परिचालक ने महिपालपुर, धौलाकुआं, द्वारका की आवाज लगानी शुरू कर दी थी। दोनों की नजर जब बस पर पड़ी तब परिचालक ने बहन जी कहते हुए उन्हें बस में आ जाने को कहा था। इस पर दोनों बस में सवार हो गए थे। उनके बस में सवार होते ही परिचालक ने दरवाजा बंद कर दिया और चालक बस लेकर चल पड़ा था। अंदर घुसने पर दोनों ने देखा कि बस में चालक समेत छह लोग सवार थे।

दोस्‍त ने भरपूर कोशिश की थी अस्‍मत बचाने की 

पीड़िता के दोस्त से 20 रुपये किराया वसूलने के बाद एक आरोपित ने उससे कहा था कि वह इतनी रात को लड़की को लेकर कहां जा रहा है। इस पर उसके दोस्त ने कहा था कि उसे क्या मतलब है। इसी बात पर बहस शुरू हुई थी। इसके बाद दरिंदों ने युवती से छेड़खानी शुरू कर दी थी। विरोध जताने पर एक ने केबिन से रॉड निकाल युवती के दोस्त के सिर पर वार कर दिया। युवती को पीछे की सीट पर ले जाकर दरिंदों ने जब उसकी अस्मत लूटनी शुरू की तब घायल होकर भी उसके दोस्त ने युवती को बचाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन उसे युवती तक पहुंचने नहीं दिया और पिटाई करते रहे।

दोस्‍त पिटने से बचाने के लिए निर्भया ने दंरिदों को काटा दांत

उधर, दोस्त को पिटने से बचाने के लिए युवती ने दरिंदों को दांत से काटा और उनके चंगुल से खुद को छुड़ा कर दोस्त के पास जाने की कोशिश की। चलती बस में युवती की अस्मत लूटी जाती रही। दोनों शोर मचाते, कराहते और चिल्लाते रहे। इस बीच बस ने करीब 24 किलोमीटर की दूरी तय की थी। मुकेश बस को लेकर महिपालपुर रोड एनएच-8 से यू टर्न लेकर द्वारका रूट पर गया था और फिर वापस महिपालपुर आ गया था। इसके बाद दरिंदों ने होटल एरिया के सामने चलती बस के अगले गेट से दोनों को नीचे फेंक दिया था और फरार हो गए।

ठंड में निर्वस्‍त

ठंड में दोनों को निर्वस्त्र कर बस से नीचे फेंक देने पर युवती अर्धबेहोशी की हालत में पहुंच गई थी। क्योंकि दोनों करीब 20 मिनट तक ठिठुरते रहे थे। तभी वहां से जीप से गुजर रहे इगिस कंपनी के पेट्रोलिंग ऑफिसर की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इगिस कंपनी नेशनल हाइवे की सिक्योरिटी देखती थी।

सफदरजंग अस्‍पताल में हुए भर्ती

10.22 बजे पहले दिल्ली कैंट थाने को सूचना मिली कि महिपालपुर से दिल्ली कैंट की तरफ आने पर जीएमआर कंपनी के गेट के सामने एक लड़का व एक लड़की बिना कपड़ों के बैठे हुए हैं और लोगों की भीड़ लगी है। थाने की पुलिस जब पहुंची तब तक पीसीआर के कर्मी दोनों को सफदरजंग अस्पताल पहुंचा चुके थे। पीसीआर को लगा कि वह साउथ वेस्ट का इलाका है, इसलिए उन्होंने सफदरजंग पहुंचा दिया था। अस्पताल से साढ़े 11 बजे वसंत विहार पुलिस को सूचना मिली कि इलाका उनका लगता है। इसके बाद 11.35 बजे तत्कालीन डीसीपी छाया शर्मा टीम के साथ अस्पताल पहुंची थीं।

मामले ने पकड़ा था काफी तूल

रात को ही पूरी दक्षिण जिला पुलिस को बुलाकर तफ्तीश शुरू कर दी गई थी। सुबह होते ही घटना ने इतना तूल पकड़ा कि सरकार व दिल्ली पुलिस का सिर शर्म से झुक गया था। युवती को नग्न हालत में देखकर पीसीआर कर्मियों को समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें जिप्सी में कैसे बिठाएं। क्योंकि जिप्सी में कंबल नहीं था, जिससे युवती को लपेट दिया जाता।

चादर में ढंक कर अस्‍पताल लाया 

पीसीआर कर्मियों को पहले एक होटल से चादर लेनी पड़ी। उसके बाद युवती को ढककर अस्पताल ले जाया गया। काफी देर तक ठंड में पड़े रहने के कारण युवती की हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। सफदरजंग अस्पताल में ऑपरेशन भी ठीक से न होने की बात सामने आई थी। इन्हीं कारणों से सिंगापुर के डॉक्टर भी उनकी जान नहीं बचा पाए और 29 दिसंबर 2012 को युवती ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.