Nirbhaya case: दिल्ली हाईकोर्ट से दोषियों की याचिका खारिज, शुक्रवार सुबह होगी चारों को फांसी
Nirbhaya case चारों दोषियों में तीन ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। निर्भया के दोषियों की फांसी टालने की कोशिश एक दिन में दो बार धराशाई हो गई। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दोषियों की फांसी रोकने की मांग खारिज कर दी है। चारों दोषियों को सुबह 5:30 बजे फांसी होनी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट दिन में दोषियों की तीन याचिकाएं और पटियाला हाउस अदालत एक याचिका खारिज कर चुकी थी।
इससे पहले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारों दोषियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चारों दोषियों में तीन ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में दोषियों ने शुक्रवार को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में कहा गया था कि निचली अदालत ने कई तथ्यों को दरकिनार किया है। दोषियों की कई अर्जी अभी भी विचाराधीन हैं। दया याचिकाओ पर गौर किए बिना खारिज किया गया, इसलिए डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए।
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ 20 मार्च सुबह 5.30 बजे के लिए ़़डेथ वारंट जारी किया है। तिहाड़ जेल में दोषियों को फांसी दी जाएगी।
निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक नहीं मिली राहत
इससे पहले निर्भया के दोषियों की फांसी टलवाने के लिए बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जो ड्रामा दिनभर चला। एक तरफ जहां पटियाला हाउस में फांसी रोकने की अर्जी पर सुनवाई हो रही थी, वहीं सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक याचिका दायर की जा रही थी। एक याचिका खारिज तो दूसरी दायर, दूसरी के बाद तीसरी। हालांकि सभी याचिकाएं खारिज हो गई और दोषियों की आखिरी कोशिश भी फेल रही। निर्भया के दोषियों के वकील पटियाला हाउस से सुप्रीम कोर्ट के बीच दौड़ते रहे।
जानें दिनभर का घटनाक्रम
- सुबह पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाने की सुनवाई थी, लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई शुरू हो गई। यह याचिका उसने खुद को निर्दोष बताते हुए और 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में न होने की दलील देते हुए दायर की थी। कुछ देर की सुनवाई के बाद इस अर्जी को खारिज कर दिया गया।
- इसके बाद पटियाला हाउस में सुनवाई शुरू हुई और इसी बीच अक्षय की दूसरी दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया। इसके तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका खारिज होने के बाद अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में फिर याचिका दायर कर दी, जो कुछ देर सुनवाई के बाद खारिज हो गई।
- वहीं दूसरी तरफ से पटियाला हाउस में बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया। इसके तुरंत बाद पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करते हुए खुद को नाबालिग बताया। इस याचिका के फैसले का इंतजार पटियाला हाउस में कुछ देर किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।
- इसके कुछ देर बाद ही सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया और पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया।
- पटियाला हाउस कोर्ट जब फैसला सुनाने वाली थी तो अक्षय की पत्नी ने जज से कहा कि मेरे साथ न्याय नहीं हो रहा है। इस पर जज ने कहा कि निर्भया की मां से पूछें। इसके बाद अक्षय की पत्नी अदालत परिसर के बाहर आ गई और अपनी चप्पल से खुद को मारने लगी। वह चिल्लाने लगी कि मुझे भी मार दो, मेरे बच्चे को भी मार दो। चिल्लाते हुए वह बेहोश हो गई।
- कुछ वकीलों और लोगों ने उसे होश में लाने का प्रयास किया और उचित स्थान पर बैठा दिया। फैसले के बाद दोषियों के परिजन अदालत से चले गए।