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    Delhi News: राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित होंगी निगम प्रतिभा विद्यालय की शिक्षिका रजनी

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 10:43 PM (IST)

    कोरोना में भी उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों को जोड़कर रखा ताकि कोई बच्चा पढ़ाई में पिछड़ न जाए।उनके इन प्रयासों की सराहना अन्य शिक्षक भी कर रहे हैं।कहती हैं कि निगम स्कूलों को और बेहतर बनाने के लिए व्यवहारिक शिक्षा पर जोर देना होगा।शिक्षकों को हमेशा अपडेट रहना होगा।

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    रजनी शर्मा मुख्य रूप से विज्ञान और हिंदी विषय की शिक्षिका हैं।

    नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए दिल्ली से एकमात्र  शिक्षिका  रजनी  शर्मा  को  चुना  गया  है। प्रशांत विहार बी-ब्लाक के निगम प्रतिभा विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका रजनी को शिक्षण के क्षेत्र में 26 सालों का अनुभव है। वह मुख्य रूप से विज्ञान और हिंदी विषय की शिक्षिका हैं।  अपनी  अनोखी  शिक्षण  शैली  और  तकनीकी रूप से अपडेट रहना उन्हें पसंद है और यही वजह है कि उन्हें  इस  पुरस्कार  के  लिए  चयनित  किया  गया है। 

    कोरोना के दौर में भी पढ़ाया

    कोरोना काल में भी उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों को जोड़कर रखा ताकि कोई बच्चा पढ़ाई में पिछड़ न जाए। उनके इन प्रयासों की सराहना अन्य शिक्षक भी कर रहे हैं। वह कहती हैं कि निगम स्कूलों को और बेहतर बनाने के लिए व्यवहारिक शिक्षा पर जोर देना होगा और शिक्षकों को हमेशा अपडेट रहना होगा। उन्होंने क्यू आर कोड बनाकर अभिभावकों और बच्चों को अपडेट रखने का प्रयास करती हैं। 

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    साइंस के प्रोजेक्ट में बच्चों को बताया जल और स्वच्छता का महत्व

    पानी के महत्व को महत्व को उजागर करते हुए रजनी ने स्कूल के साइंस प्रयोगशाला में विशेष प्रोजेक्ट  बनाया  जिसका  नाम "बूंद-बूंद दरिया-दरिया" रखा। इसके  साथ  ही  "स्वच्छता  से  लाएंगे  असली  बदलाव"  नामक  प्रोजेक्ट से उन्होंने बच्चों को स्वच्छता अपनाने की सीख दी और उन्हें स्वच्छता का सिपाही बनाया। उन्होंने बच्चों को अधिक से अधिक प्रैक्टिकल कराए ताकि उन्हें विषय की नींव मजबूत हो सके। रजनी को पढ़ाने के लिए वह स्क्रीप्ट तैयार करती हैं और फिर उसके आधार पर बच्चों को पढ़ाती हैं। 

    शिक्षण के क्षेत्र से जुड़ा है परिवार

    रजनी ने बताया कि उनके पिता साइंस के लेक्चरार थे और दादाजी निगम विद्यालय में स्कूल प्रमुख थे। पिता से ही वह बच्चों को साइंस पढ़ाने के लिए प्रेरित हुईं। उन्होंने  बताया  कि  बचपन  से  पिता  और  दादाजी  को  पढ़ाते  हुए  देखना उन्हें शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करता था। 

    कोरोना काल में बनाई आनलाइन चैनल 

    शुरुआत से ही निगम विद्यालय में पढ़ा रही रजनी ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में आनलाइन  वीडियो  बनाया और उन्हें बच्चों को चैनल पर डाउनलाउड किया और उसे बच्चों के साथ साथ दूसरे शिक्षकों को भी भेजा। उनकी क्लास के 131 बच्चों को स्कालरशिप मिली है। इसके लिए वह पहले बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने का प्रयास करती हैं। वह अभिभावकों से हमेशा संपर्क में रहती हैं  और दूसरे शिक्षकों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका मानना है कि बच्चों के विकास के लिए अभिभावकों को भी प्रेरित करना जरूरी है। इससे पहले रजनी को मेंटोर एक्सलेंस अवार्ड मिल चुका है। वह 13 स्कूलों की मेंटोर रही हैं ।