यासीन मलिक की पेशी: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंची NIA, सुनवाई सात अगस्त को
हाल ही में व्यक्तिगत रूप से पेश होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरत जताई थी और इसे बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस बाबत गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। उन्होंने आशंका जताई थी कि मलिक या तो भाग सकता था या उसकी हत्या की जा सकती थी। इसी के बाद एनआईए ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारी सुरक्षा मुद्दे का हवाला देते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने का निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है।
एनआईए ने नौ अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश करने के अदालत के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए आवेदन दायर किया है। अपरिहार्य कारणों से बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ के न बैठने के कारण सुनवाई सात अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई।
आतंकी फंडिंग मामले में है दोषी
ताजा आवेदन एनआईए ने अपनी उस अपील याचिका पर दायर किया है, जिसमें आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की है।
अदालत ने 29 मई को एनआईए की अपील पर नोटिस जारी कर मलिक के खिलाफ नौ अगस्त को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी पर हैरत जताई थी
हाल ही में व्यक्तिगत रूप से पेश होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरत जताई थी और इसे बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस बाबत गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। उन्होंने आशंका जताई थी कि मलिक या तो भाग सकता था या उसकी हत्या की जा सकती थी।

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