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    खालिस्तान समर्थक आतंकी गैंगस्टर लॉरेंस के साथ मिलकर कर रहा था काम, भारत में बिश्नोई के शूटरों से कराई हत्याएं

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Wed, 28 Jun 2023 12:35 AM (IST)

    कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दायर आरोप पत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित खालिस्तान समर्थक आतंकी भारत सरकार के प्रतिष्ठानों और विशेषकर पंजाब में हमले करने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शूटरों का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोप पत्र में कहा है पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा ये सब करवा रहा था।

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    खालिस्तान समर्थक आतंकी गैंगस्टर लॉरेंस के साथ मिलकर कर रहा था काम, भारत में बिश्नोई के शूटरों से कराई हत्याएं

    नई दिल्ली, एजेंसी। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दायर आरोप पत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित खालिस्तान समर्थक आतंकी भारत सरकार के प्रतिष्ठानों और विशेषकर पंजाब में हमले करने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शूटरों का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा ने भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हत्याओं और हमलों को अंजाम देने के लिए बिश्नोई के शूटरों को नियुक्त कर रहा था।

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    एनआईए ने पिछले सप्ताह विशेष एनआईए अदालत में दाखिल आरोप पत्र में दावा किया गया कि बीकेआई द्वारा बिश्नोई के शूटरों को नियुक्त करने के पीछे उत्तर भारत में उसका खतरनाक आतंकी समूह होना मुख्य कारण था। हरविंदर सिंह संधू द्वारा तय किए गए लक्ष्य की सूचना गैंगस्टरों तक पहुंचाई जाती थी, जो या तो जेल में बंद थे या फिर बाहर थे।

    इसके बाद तय किए गए लक्ष्य की जानकारी गैंगस्टरों के माध्यम से शूटरों को दी जाती थी। इनमें बिश्नोई के सहयोगी सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार और लखबीर सिंह भी शामिल था, जो दोनों ही कनाडा में हैं।

    बीकेआई से बिश्नोई और बराड़ के हैं करीबी संबंध

    जांच से पता चला कि गोल्डी बराड़ ने 2012-13 में घर छोड़ दिया था और पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ चला गया था। बाद में वह कनाडा चला गया था। गोल्डी बरार पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन (एसओपीयू) में शामिल हो गया था और अध्यक्ष बना था।

    इसी दौरान वह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया था। गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के रिडा और लांडा के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए थे। रिंडा पाकिस्तान से काम करता है जबकि लांडा कनाडा से काम करता है।

    इस तरह लॉरेंस-गोल्डी कर रहे काम

    जांच से पता चला कि गोल्डी बरार लांडा के साथ कनाडा से काम कर रहा है, जबकि रिंडा पाकिस्तान से काम कर रहा है। वहीं, लॉरेंस बिश्नोई अपने भाइयों सचिन थापन बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई समेत अन्य सहयोगियों के साथ एक आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट के रूप में काम कर रहा है।

    वह हत्याओं को अंजाम देने और शूटर प्रदान करके आतंकी गतिविधियों में रिंडा और लांडा की सहायता करता है।

    गोल्डी बरार ने कराई हत्या

    जांच से पता चला कि 10 नवंबर 2022 को कोटकपूरा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप कुमार की हत्या की योजना गोल्डी बरार ने बनाई थी और काला जठेरी के शूटरों ने इसे अंजाम दिया था। वर्ष 2022 में प्रदीप कुमार की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने लॉरेंस बिश्नोई, रिंडा और लांडा के साथ मिलकर पांच अन्य डेरा सच्चा सौदा अनुयायियों को धमकी दी।

    बिश्नोई के गुर्गों ने किया था पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस मुख्यालय पर हमला

    आरोप पत्र में कहा गया कि बिश्नोई के सहयोगी दीपक सुरखपुर व दिव्यांश ने हरविंदर के निर्देश पर पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित इंटेलिजेंस मुख्यालय पर हमला किया था। इन हमलावरों को इसके साथ ही एक आरोपित जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया ने इंटेलिजेंस मुख्यालय (पंजाब पुलिस) पर हमले से पहले राणा कंधोवालिया को मारने का निर्देश दिया था। इन दोनों ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के निर्देश पर कई अपराध किए थे।