Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NGT ने की दिल्ली जल बोर्ड पर कार्रवाई, बार-बार टाली जा रही थी होटलों में अवैध भूजल दोहन की सुनवाई

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 09:13 PM (IST)

    नई दिल्ली के होटलों द्वारा अवैध भूजल दोहन मामले में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा बार-बार सुनवाई स्थगित करने पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है। डीजेबी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है जिसका उपयोग पर्यावरण पुस्तकें खरीदने में होगा। सीईओ को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है क्योंकि डीजेबी पर जानबूझकर स्थगन मांगने का आरोप है।

    Hero Image
    भूजल दोहन मामले पर बार-बार स्थगन मांगने पर डीजेबी पर कार्रवाई की।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: नई दिल्ली के कई होटलों द्वारा अवैध भूजल दोहन से संबंधित एक मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की ओर से बार-बार किए गए सुनवाई स्थगन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनजीटी चेयरमैन प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीजेबी पर असहयोग के लिए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और निर्देश दिया कि इस राशि का उपयोग पर्यावरण संबंधी पुस्तकें खरीदने में किया जाए।

    इतना ही नहीं डीजेबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को 12 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। यह मामला भूजल दुरुपयोग से संबंधित 2018 के एक आदेश को लागू करने की मांग से जुड़ा है।

    एनजीटी ने रिकार्ड पर लिया कि आवेदनकर्ता शैलेश सिंह के आवेदन पर अदालत ने 28 फरवरी 2024 को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

    हालांकि, इसके बाद से डीजेबी द्वारा बार-बार स्थगन की मांग की जा रही है। एनजीटी ने नोट किया कि जब मामला मार्च 2025 को सुनवाई पर आया तब भी डीजेबी ने स्थगन की मांग की थी।

    इस पर आवेदनकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि डीजेबी की तरफ से लगातार जानबूझकर मामले में स्थगन की मांग की जा रही है।

    यह भी कहा कि मामले में संबंधित आदेश को लागू कराने के लिए डीजेबी की मौजूदगी जरूरी है। एनजीटी ने आवेदनकर्ता द्वारा उठाए गए सवालों को सही पाते हुए डीजेबी पर जुर्माना लगाया और उक्त राशि को एक सप्ताह में एनजीटी बार में भुगतान करने का आदेश दिया।