प्रेमी जोड़ों को शराब पिलाकर करते थे 'गंदा काम', पढ़िए- लव कमांडो की सनसनीखेज सच्चाई
ऑनर किलिंग के डर के चलते लव कमांडो पर भरोसा करना कई प्रेमी जोड़ों को भारी पड़ गया। यह शरण लेने के बाद लड़के-लड़कियों की जिंदगी नर्क बन गई।
नई दिल्ली, जेएनएन। आमिर खान द्वारा प्रस्तुत चर्चित कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते' जैसे कार्यक्रम से सुर्खियां बटोरने वाले 'लव कमांडो' एनजीओ के चेयरमैन संजय सचदेव को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी करने वाले प्रेमी युगलों को झूठी शान की खातिर हत्या और लव-जिहाद जैसे मामलों में सुरक्षा देने का दावा करने वाले संजय सचदेव पर प्रेमी युगलों को बंधक बनाकर उगाही करने और महिलाओं को शराब पिलाकर छेड़छाड़ करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
महिला आयोग के दखल के बाद मंगलवार रात को पहाड़गंज स्थित लव कमांडो के शेल्टर होम पर छापेमारी कर चार प्रेमी युगलों को मुक्त कराया गया। उनके बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने बंधक बनाने, जबरन वसूली, अभद्र व्यवहार करने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर पहाड़गंज से ही संजय को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी मंदीप सिंह रणधावा ने बताया कि मंगलवार को महिला आयोग की टीम ने पहाड़गंज थाने में शिकायत दी थी कि पहाड़गंज की गली नंबर-3, चूना मंडी स्थित लव कमांडो एनजीओ के शेल्टर होम में कुछ प्रेमी युगलों को बंधक बनाकर उगाही की जा रही है। आयोग की टीम के साथ पुलिस ने वहां छापेमारी की।
पुलिस को वहां से चार प्रेमी युगल मिले। उनकी उम्र 25 साल या इससे कम थी। वे मध्य प्रदेश, उत्तर-प्रदेश, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। पूछताछ में एक प्रेमी युगल ने बताया कि वे करीब एक माह से यहां हैं। वे घर से भागकर यहां आए थे। सुरक्षा के नाम पर शेल्टर होम में उनकी जिंदगी नरक बना दी गई। यहां उनसे मोटी रकम ली गई। उनके सभी कागजात कब्जे में ले लिए गए। संजय सचदेव उनसे बुरा व्यवहार करता है। लड़कियों की जांच पुरुषकर्मी करते थे। लड़कियों से खाना बनवाने, सफाई करवाने के साथ कर्मचारियों के हाथ-पैर भी दबवाए जाते थे। बीमार होने पर दवाई तक नहीं दिलाई जाती थी।
छोड़ देता था पालतू कुत्ते
पीड़ितों ने बताया कि शेल्टर होम का चेयरमैन संजय बंधक बनाए गए युगलों से शराब पीने को कहता था। यदि कोई शेल्टर होम से जाने की इच्छा जताता तो उस पर वह पालतू कुत्ते छोड़ देता था। वहीं बाहर उनके परिजनों द्वारा झूठी शान की खातिर उनकी हत्या या जेल भिजवाने की धमकी दी जाती थी।
जोड़ों ने सुनाया दर्द
होम में दो छोटे कमरे थे, जिनमें सभी लोग रहते थे और लड़कियों का कमरा एनजीओ के मालिक के कमरे से जुड़ा हुआ था। आयोग का कहना है कि लड़कियों ने बताया कि उनको बाथरूम और किचन में जाने के लिए एनजीओ मालिक के कमरे में से होकर जाना पड़ता था। जोड़ों ने बताया कि वहां रहनेवालों को शेल्टर होम के सारे काम करने पड़ते थे। जैसे साफ-सफाई, खाना बनाना। स्टाफ के पैर तक दबाने पड़ते थे।
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