दिल्ली में 12 मंजिला इमारत में होगा DTC मुख्यालय, खर्च होंगे 206 करोड़; पीपीपी मोड में तैयार होगी बिल्डिंग
दिल्ली में DTC मुख्यालय की नई इमारत बनाने की योजना को मंजूरी मिल गई है। 206 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस 12 मंजिला इमारत का पुनर्विकास डीएसआइआइडीसी द्वारा किया जाएगा। यह परियोजना पीपीपी मोड में होगी। पुरानी इमारत 2023 की बाढ़ में जलमग्न हो गई थी। DTC मुख्यालय के पुनर्विकास से इसकी क्षमता में वृद्धि होगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व की आप सरकार के समय दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के मुख्यालय की नई इमारत बनाने की जो योजना कागजों में ही रह गई थी, इसके अब जमीन पर उतरने की उम्मीद जगी है। दिल्ली की भाजपा सरकार इसे लेकर गंभीर है।
डीटीसी बोर्ड ने आइपी एस्टेट स्थित डीटीसी मुख्यालय के पुनर्विकास को 206 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाने की इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। परियोजना पर पीपीपी मोड में काम किया जाएगा। यह एक अर्ध व्यावसायिक भवन होगा। मुख्यालय के लिए 12 मंजिल भवन बनाए जाने की योजना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) मुख्यालय का पुनर्विकास दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) द्वारा किया जाएगा। इमारत के पुनर्विकास परियोजना को शुरू करने के लिए अब औपचारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
नए भवन में भूतल के अलावा 12 मंजिलें होंगी, जिनमें पार्किंग और सेवाओं के लिए दो बेसमेंट होंगे। अधिकारियों ने बताया कि भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 12,000 वर्ग मीटर होगा, जबकि 30 साल की लीज अवधि के लिए डीएसआइआइडीसी का हिस्सा निर्मित क्षेत्रफल का 40 प्रतिशत होगा।
प्रस्तावित है कि डीएसआइआइडीसी क्षेत्र में छठी मंजिल से लेकर बारहवीं मंजिल तक के स्तर शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि बस डिपो और डीटीसी मुख्यालय दोनों का निर्माण 1958 में हुआ था। बस डिपो में वर्तमान में 180 बसें खड़ी करने की क्षमता है। पुनर्विकास के बाद क्षमता में वृद्धि होगी।
डीटीसी भवन और डिपो के पुनर्विकास के प्रस्ताव को अप्रैल 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान कैबिनेट के एक फैसले के जरिए मंज़ूरी मिली थी। हालाकि, यह परियोजना अधर में लटकी रही। आप सरकार के कार्यकाल के दौरान डीएसआइआइडीसी ने परियोजना का व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया था।
हालांकि, इस बारे में कानूनी राय लेने का फैसला किया गया कि क्या लगभग 15 साल पहले लिया गया 2010 का कैबिनेट का फैसला वर्तमान के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी है। भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अब इस परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। 2023 की बाढ़ के दौरान डीटीसी मुख्यालय जलमग्न हो गया था। यह इमारत अभी दो मंजिला है।
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