दिल्ली में कचरे से बनेगी बिजली, MCD ने जारी किया टेंडर; इस जगह लगेगा पांचवां प्लांट
दिल्ली में कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एमसीडी ने नए कूड़े से बिजली बनाने वाले प्लांट लगाने की योजना बनाई है। गाजीपुर लैंडफिल पर खाली जमीन पर 2000 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं जिसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर है। एमसीडी का लक्ष्य है कि दिसंबर 2028 तक गाजीपुर में पांचवां प्लांट शुरू हो जाए।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिसंबर 2027 में जब कूड़े के पहाड़ खत्म हो जाएंगे, तब राजधानी दिल्ली में कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को मजबूत करने और नए कूड़े के पहाड़ बनने से रोकने के लिए एमसीडी नए कूड़े से बिजली बनाने वाले प्लांट लगाना चाहती है।
ऐसे में गाजीपुर लैंडफिल पर कूड़ा निस्तारण के बाद खाली होने वाली जमीन पर प्रतिदिन 2000 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण के लिए एमसीडी ने 30 सितंबर तक टेंडर आमंत्रित किए हैं।
इच्छुक एजेंसियां इसके तहत आवेदन कर सकती हैं। पहले इसकी समय सीमा अगस्त तक थी, लेकिन प्रतिस्पर्धा को अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए एमसीडी ने इसकी समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी है।
एमसीडी की योजना दिसंबर 2028 तक गाजीपुर लैंडफिल पर लगने वाला दिल्ली का पांचवां कूड़ा से बिजली बनाने वाला प्लांट शुरू करने की है। क्योंकि दिल्ली में हर साल कूड़े की मात्रा बढ़ रही है। दिल्ली में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 500 ग्राम कूड़ा निकलता है। अगर जनसंख्या बढ़ेगी, तो कूड़े की मात्रा भी बढ़ेगी।
दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी अगले पांच सालों में चार हजार मीट्रिक टन कूड़े का उत्पादन बढ़ जाएगा। इसलिए उसी हिसाब से पांच हजार मीट्रिक टन कूड़े के निपटान की व्यवस्था करनी होगी। इसलिए फिलहाल एमसीडी ने अगले पांच सालों में सात हजार मीट्रिक टन कूड़े के निपटान की व्यवस्था करने की योजना बनाई है।
इसमें पांच हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता वाले दो नए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए जाने हैं, जबकि मौजूदा ओखला और तेहखंड वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता दो हजार मीट्रिक टन बढ़ाई जानी है। इसके तहत गाजीपुर में 15 एकड़ जमीन पर दो हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन कूड़े के निपटान की योजना के तहत एक नया प्लांट बनाया जाना है।
इसके लिए हमने टेंडर आमंत्रित किए हैं। करीब 488 करोड़ के प्रस्तावित प्रोजेक्ट के तहत हम दिसंबर 2028 तक इस प्लांट को शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्लांट से 25 मेगावाट बिजली पैदा होगी।
वर्तमान अपशिष्ट से बिजली संयंत्र
संयंत्र | अपशिष्ट उपयोग (टन प्रतिदिन) | बिजली उत्पन्न (मेगावाट) | निर्माण वर्ष |
---|---|---|---|
ओखला | 1950 | 23 | 2012 |
तहखंड | 2000 | 25 | 2023 |
नरेला-बवाना | 1300 | 24 | 2017 |
गाजीपुर | 1300 | 12 | 2017 |
प्रस्तावित अपशिष्ट से बिजली संयंत्र
योजना | क्षमता | प्रस्तावित पूर्णता तिथि का वर्ष |
---|---|---|
WTE नरेला-बवाना | 3000 | 2027 |
WTE गाजीपुर | 2000 | 2028 |
ओखला डब्ल्यूटीई क्षमता वृद्धि | 1000 | मार्च 2027 |
तहखंड डब्ल्यूटीई क्षमता वृद्धि | 1000 | दिसंबर 2027 |
कितना कचरा उत्पन्न होने का अनुमान
वर्ष | कुल कचरा | सूखा कचरा | गीला कचरा |
---|---|---|---|
2026 | 12391 | 7435 | 4957 |
2027 | 12803 | 7682 | 5121 |
2028 | 13229 | 7938 | 5292 |
2029 | 13669 | 8202 | 5468 |
2030 | 14124 | 8474 | 5650 |
आप सरकार के दो साल के कार्यकाल के कारण, कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्रों की स्थापना में देरी हुई क्योंकि स्थायी समिति का गठन नहीं किया गया था। इन परियोजनाओं को सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से मंजूरी दी गई थी।
हम अगले पांच सालों के लिए तैयारी कर रहे हैं ताकि जब मौजूदा कूड़े के पहाड़ खत्म हो जाएं, तो कचरे के जमा होने से नए कूड़े के पहाड़ न बनें। इसके लिए, भविष्य में उत्पन्न होने वाले कचरे के निपटान के लिए अभी से अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने होंगे।
- राजा इकबाल सिंह, महापौर, दिल्ली
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