दिल्ली आउटर रिंग रोड पर फ्लाईओवर का इंतजार, अधर में योजनाएं
आउटर रिंग रोड पर सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर से मोदी मिल तक जाम की समस्या बनी हुई है। पिछले 15 सालों से फ्लाईओवर बनाने की योजनाएँ अटकी हुई हैं जिससे वाहन चालक परेशान हैं। पिछली सरकारों के प्रयास अधूरे रहे लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस परियोजना पर काम करने का फैसला किया है जिसमें फ्लाईओवर का दोहरीकरण और विस्तार शामिल है।

वी.के. शुक्ला, नई दिल्ली। आउटर रिंग रोड पर सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर से मोदी मिल तक लगने वाला जाम वाहन चालकों को परेशान कर रहा है। पिछले 15 सालों से यहाँ फ्लाईओवर बनाने की बात चल रही है और इस दौरान दो राजनीतिक दलों की सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन इस परियोजना पर काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
इस दौरान दो बार टेंडर जारी किए गए, लेकिन बाद में उन्हें रद्द कर दिया गया। नतीजतन, चिराग दिल्ली से मोदी मिल जाते समय सुबह और शाम के समय अक्सर जाम लग जाता है। वर्तमान में, इस मार्ग पर सावित्री सिनेमा और कालकाजी के सामने मोदी मिल को चिराग दिल्ली से जोड़ने वाले सिंगल फ्लाईओवर हैं।
कालकाजी में भैरों मंदिर के पास पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर गाड़ियों की कतार भी सड़क तक फैली रहती है, जिससे अफरा-तफरी मच जाती है।
दक्षिणी दिल्ली के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक, सावित्री सिनेमा से मोदी मिल फ्लाईओवर तक, स्थिति यह है कि शाम के समय वाहन चालक ट्रैफिक जाम के कारण नाराज़ हो जाते हैं और पूछते रहते हैं कि यहां फ्लाईओवर कब बनेगा। दरअसल, पिछले 15 सालों से इस इलाके को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने के लिए सिर्फ योजनाएं ही बनती रही हैं, लेकिन किसी पर अमल नहीं हुआ।
सावित्री सिनेमा के सामने फ्लाईओवर बनाने का विचार सबसे पहले 2011-12 में शीला दीक्षित की सरकार के दौरान आया था। कहा गया था कि फ्लाईओवर बनने से यहाँ ट्रैफिक कम होगा। उनके निर्देश पर इस मामले में एक अध्ययन भी कराया गया था, लेकिन इसी दौरान उनकी सरकार चली गई और यह योजना अधर में लटक गई।
बाद में, 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई, तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने नई सरकार के सामने यह योजना पेश की। सरकार इस योजना पर काम करने को तैयार हो गई। योजना को दिल्ली शहरी कला आयोग (DUAC) के पास मंज़ूरी के लिए भेजा गया। DUAC ने यह कहते हुए मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया कि प्रस्तावित फ्लाईओवर के कारण स्लिप रोड के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचेगी।
लोक निर्माण विभाग ने इसके डिज़ाइन में संशोधन किया और योजना को वापस DUAC को भेजने की तैयारी की। उन्होंने सरकार से धन की माँग की। हालाँकि, सरकार ने धन की कमी का हवाला देते हुए इस योजना को प्राथमिकता सूची से हटा दिया, जिससे परियोजना अधर में लटक गई।
अब, भाजपा सरकार ने इस इलाके को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने की योजना पर काम करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि पिछली सरकारों ने केवल सावित्री सिनेमा के सामने ही फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई थी।
हालांकि, इस सरकार ने सावित्री सिनेमा के साथ-साथ कालकाजी फ्लाईओवर को भी दोगुना करने और यहाँ से मोदी मिल तक एक फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई है। पिछली सरकार की योजना में ₹200 करोड़ खर्च करने की योजना थी, लेकिन अब यह राशि दोगुनी कर दी गई है।
योजना क्या है?
सावित्री सिनेमा के सामने वाले सिंगल फ्लाईओवर का भी दोगुना किया जाएगा। योजना के तहत, सावित्री सिनेमा के सामने वाले सिंगल फ्लाईओवर का भी दोगुना किया जाएगा। वर्तमान में, मोदी मिल से आईआईटी तक सावित्री सिनेमा के सामने एक ही फ्लाईओवर है। यह 1.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर 2001 में बना था।
हालांकि, आईआईटी से मोदी मिल तक कोई फ्लाईओवर नहीं है। इस जगह पर अक्सर जाम की स्थिति रहती है, जिससे लोग अक्सर लंबे समय तक फंसे रहते हैं। पिछले 15 सालों से यहाँ फ्लाईओवर की माँग बढ़ रही है। पिछली सरकार ने कुछ प्रयास किए, लेकिन असफल रही।
कालकाजी के सामने वाले फ्लाईओवर का दोहरीकरण कर उसे मोदी मिल तक बढ़ाया जाएगा। कालकाजी मंदिर के पास मोदी मिल को नेहरू प्लेस से जोड़ने वाला एक फ्लाईओवर है, लेकिन नेहरू प्लेस को मोदी मिल से जोड़ने वाला कोई फ्लाईओवर नहीं है।
इस जगह पर सुबह और शाम लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ता है। दिल्ली सरकार की योजना के तहत, कालकाजी फ्लाईओवर का दोहरीकरण कर उसे मोदी मिल फ्लाईओवर से जोड़ा जाएगा।
यह परियोजना केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) से दिल्ली के लिए आवंटित ₹1,000 करोड़ के बजट से पूरी होगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से इसकी मंज़ूरी मिल गई है। अगर अतिरिक्त धनराशि की ज़रूरत होगी, तो लोक निर्माण विभाग उनसे फिर से अनुरोध करेगा। दिल्ली सरकार ने पिछले अप्रैल में इस परियोजना को मंज़ूरी दी थी।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
आउटर रिंग रोड पर, सावित्री सिनेमा और कालकाजी के सामने, एक फ्लाईओवर की ज़रूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। मैंने पिछली सरकारों की कई बैठकों में भाग लिया है, जहां यहां एक फ्लाईओवर के निर्माण पर चर्चा हुई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया। प
हले कांग्रेस और फिर आप सरकारों ने इस परियोजना पर काम शुरू नहीं किया। अब जबकि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है, उम्मीद है कि इस क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा, जो समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
-प्रो. सेवा राम, परिवहन योजना शाखा, योजना एवं वास्तुकला विद्यालय
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