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    दिल्ली में बढ़ने वाली है ट्रैफिक जाम की समस्या, इन इलाकों में गंभीर होगी स्थिति; एक्सपर्ट ने चेताया

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 10:19 PM (IST)

    दिल्ली में यातायात जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। देहरादून और मुंबई एक्सप्रेसवे के शुरू होने से स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। विशेषज्ञ सराय काले खां से धौलाकुआं तक एलिवेटेड कॉरिडोर या सुरंग बनाने की सलाह दे रहे हैं। उनका मानना है कि नए हाईवे से आंतरिक परिवहन पर दबाव बढ़ेगा। पुरानी योजनाओं को पुनर्जीवित करने की जरूरत है ताकि शहर को जाम से राहत मिल सके।

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    यातायात जाम की गंभीर समस्या की ओर बढ़ रही दिल्ली।

    वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली यातायात जाम की गंभीर समस्या की ओर बढ़ रही है। आने वाले समय में मध्य दिल्ली और नई दिल्ली ही नहीं रिंग रोड और सराय काले खां इलाके में भयंकर जाम लगने वाला है। देहरादून एक्सप्रेसवे और मुंबई एक्सप्रेसवे जल्द शुरू होने वाले हैं, इनके शुरू होने से खासकर सराय कालेखां पर पूरी व्यवस्था बिगड़ेगी।

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    विशेषज्ञ सरायकाले खां से ही नई दिल्ली और धौलाकुआं तक एक एलिवेटेड करिडोर या सुरंग सड़क बनाने की अत्यंत आवश्यकता बता रहे हैं। उनकी मानें तो इस योजना पर पांच साल पहले ही काम शुरू हो जाना चाहिए था। विशेषज्ञ इस मामले में विस्तार से अध्ययन कराने की बात कराने की बात कह रहे हैं।

    यातायात व्यवस्था जटिल होने की संभावना प्रबल

    दिल्ली में जितने नए-नए हाईवे जुड़ते जा रहे हैं दिल्ली शहर की यातायात व्यवस्था उतनी ही जटिल होने की संभावना प्रबल होती जा रही है। करीब 12 साल पहले दिल्ली सरकार ने इस बात की आशंका जताई थी कि दिल्ली में मिलने वाले नए-नए हाईवे से आंतरिक परिवहन व्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा आैर इसके लिए वैकल्पिक मार्ग ढूंढने की बात कही थी। मगर पिछले 10 साल में इस पर काम नहीं हो सका, शहर के लिए योजनाएं बनीं भी वे अस्तित्व में ही नहीं आ सकीं।

    दिल्ली से शुरू हाेने वाले दोनों हाइवे से दिल्ली से बाहर जाने के लिए राह अासान होने जा रही है, मगर इससे रिंग रोड का खासकर सराय काले खां इलाका बहुत प्रभावित होगा। अभी से ही ये यातायात का हब बन चुका है।यहां रेलवे स्टेशन, रैपिड रेल,मेट्रो,अंतर्राज्यीय बस अड्डा है।मुंबई एक्सप्रेस-वे इसके पास से शुरू हाेने जा रहा है।

    कुछ साल पहले यहां एक सिंगल फ्लाईओवर बना

    मगर अभी तक इसे देखते हुए ऐसी कोई योजना नहीं दिख रही है जो भविष्य की इस समस्या को देखते हुए तैयार की गई हो। कुछ साल पहले यहां एक सिंगल फ्लाईओवर बना है। उधर अक्षरधाम के पास से शुरू होने जा रहा देहरादून एक्सप्रेस-वे का असर रिंग रोड से लेकर मध्य दिल्ली और एनडीएमसी तक दिखाई देगा।

    केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी देहरादून और मुंबई एक्सप्रेस-वे दो हाइवे पर यातायात शुरू होने से नई दिल्ली और मध्य दिल्ली के यातायात को लेकर चिंता जाहिर की है आैर परियोजनाओं के लिए होने वाले अध्ययन में इन इलाकों को भी शामिल किए जाने पर जोर दिया है।उन्होंने भी इस बात को स्वीकारा है कि 11 मूर्ति से वसंत कुंज तक बनने वाली सुरंग सड़क और आइएनए से महिपालपुर तक बनने वाले एलिवेटेड मार्ग से यातायात की समस्या पूरी तरह हल नहीं हो सकेगी।

    दिल्ली में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए जिन परियोजनों की कमी महसूस की जा रही है। इनमें से ज़्यादातर पर प्रस्ताव 2014 से पहले ही तैयार किए गए थे, जब शीला दीक्षित सीएम थीं।सराय काले खां के पास से एक सुरंग सड़क भी शामिल थी। मगर आप सरकार के शासन के दौरान इनमें से ज़्यादातर को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, क्योंकि वे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पक्ष में नहीं थे और शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे। अब एनएचएआइ ने उन्हें पुनर्जीवित किया है जो शहर के लिए एक अच्छी बात है, अन्यथा यातायात जाम ने कुछ सालों में ही दम घुटने लगेगा। - एस के श्रीवास्तव, पूर्व सचिव, दिल्ली लोक निर्माण विभाग

    मध्य दिल्ली और नई दिल्ली ही नहीं सरायकालेखां के लिए भी जाम से निजात दिलाने की जरूरत है।दाेनों एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से एकाएक रिंग रोड, सराय काले खां, नई दिल्ली और मध्य दिल्ली तक यातायात बढ़ेगा।बेहतर होगा कि सराय काले खां से ही नई दिल्ली होते हुए धौलाकुआं तक अतिरिक्त सुरंग या एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाए। - दिनेश कुमार, पूर्व प्रमुख अभियंता, लोग निर्माण विभाग

    मुंबई एक्सप्रेस-वे से दक्षिणी पूर्वी दिल्ली और इसी तरह सहारनपुर एक्सप्रेस-वे उत्तरी पूर्वी दिल्ली को राहत मिलेगी। मगर इन दोनों एक्सप्रेस-वे को देखते हुए दिल्ली शहर के लिए भी परिवहन को लेकर परियोजनाओं पर काम हाेना चाहिए था। नई दिल्ली और मध्य दिल्ली के लिए सुरंग सड़क बनाकर शहर को राहत दी जा सकती है, मगर इसके लिए विस्तार से सर्वे कराने की जरूरत है। - एस वेलुमुरुगन, ट्रैफिक इंजीनियरिंग विंग के वरिष्ठ वैज्ञानिक, सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई)