दिल्ली में डिलीवरी ब्वॉय से मारपीट, शिक्षक पर बिना पैसे दिए जबरन खाना लेने का आरोप
दिल्ली के नरेला में एक जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय ने एक शिक्षक पर बिना पैसे दिए खाना लेने और मारपीट करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिक्षक को नशे की हालत में पाया और उसे अस्पताल ले जाया गया। शिक्षक ने आरोपों को गलत बताया है और पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। नरेला में जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय ने एक शिक्षक पर बिना पैसे दिए जबरन खाना लेने और अभद्रता करने का आरोप लगाया है। बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने पाया कि शिक्षक नशे की हालत में है। जिसे मेडिकल जांच के लिए राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया। जहां एमएलसी में नशे में होने की पुष्टि हुई है।
शिक्षक की सफाई, एक ऑर्डर कर दिया था कैंसिल
वहीं, शिक्षक ऋषि कुमार का कहना है कि उनपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। शिक्षक का आरोप है कि उन्होंने जोमैटो से दो ऑर्डर किए थे। उनमें से एक ऑर्डर कैंसिल कर दिया था। दूसरे का भुगतान उन्होंने ऑनलाइन कर दिया था।
इनका दावा है कि ट्रांजेक्शन हिस्ट्री भी उनके पास है। वहीं, ऋषि ने पुलिस पर उन्हें घसीटकर अस्पताल ले जाने और धमकी देने का आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि 29 सितंबर को नरेला थाने में तैनात एएसआई देशपाल को एक सूचना मिली, जिसमें सूचना देने वाले अर्जुन नाम के एक जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय ने बताया कि नशे की हालत में दो व्यक्तियों ने खाना ऑर्डर किया और फिर डिलीवरी के समय बिना पैसे दिए जबरन ऑर्डर ले लिया।
उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया। घटनास्थल पर नरेला थाने में तैनात एएसआई देशपाल और कॉन्स्टेबल रवीश पहुंचे। जहां डिलीवरी ब्वॉय ने कहा कि शिक्षक ने उसके साथ मारपीट भी की है। पुलिस ने बताया कि ऋषि कुमार नशे की हालत में पाया गया और पूछताछ करने पर उसने पुलिस अधिकारियों के साथ भी दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।
उसने पुलिसकर्मियों का विरोध भी किया, जिसके बाद उसे जबरन कमरे से बाहर निकाला गया और सीधे मेडिकल जांच (एमएलसी) के लिए अस्पताल ले जाया गया। एमएलसी तुरंत की गई, जिसमें उसके शराब पीने की पुष्टि हुई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि डिलीवरी ब्वॉय को अपनी नौकरी पर आगे जाना था, इसलिए उसने उस समय कोई शिकायत दर्ज नहीं दी।
पुलिस ने शिक्षक की काउंसलिंग की और उसे घर वापस भेज दिया। वहीं, पुलिस अधिकारी का कहना है कि ऋषि कुमार ने एमएलसी के दौरान अपना नाम राम कुमार बताया था। इस पूरे मामले की जांच बाहरी-उत्तरी जिला के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त कर रहे हैं।
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