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    जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो... नई दिल्ली स्टेशन पर फिर उमड़ी भीड़, महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाली हर ट्रेन में मारामारी

    Prayagraj special trains नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण 18 लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद स्टेशन पर हालात अब भी जस के तस नजर आ रहे हैं। हालात ऐसे जैसे कुछ हुआ ही न हो। प्लेटफार्म पर सामान खरीदने और ट्रेन पकड़ने की आपाधापी रविवार रात भी देखने को मिली। आंखों के सामने से हजारों लोग इधर-उधर गुजर रहे थे।

    By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 17 Feb 2025 05:30 AM (IST)
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    New Delhi Station Stampede नई दिल्ली स्टेशन पर अभी तक नहीं सुधरे हालात।

    नेमिष हेमंत, जागरण नई दिल्ली। New Delhi Station Stampede कुछ घंटे भी नहीं बीते हैं, जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 व 15 पर मची भगदड़ में 18 लोगों की सांसें थम गईं, 25 से अधिक लोग घायल हो गए। लगा कि इस हादसे के बाद श्रद्धालु कुंभ जाने से बचेंगे, लेकिन रविवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के 14, 15 व 16 प्लेटफार्म पर फिर वैसे ही भीड़ उमड़ी।

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    स्टेशन से भगदड़ के निशान मिटा दिए गए

    रेल प्रशासन ने प्लेटफार्म से पिछली रात हुई भगदड़ के निशान मिटा दिए थे। भोर से शुरू बैग, झोले, जूते, चप्पल, खाना, बैग, कपड़े समेत छूटे अन्य सामान बड़ी-बड़ी थैलियों में भरकर हटाने का क्रम अल सुबह तक चला। इसके बाद हालात ऐसे जैसे कुछ हुआ ही न हो। प्लेटफार्म पर चाय की उबाल के साथ सामान खरीदने और ट्रेन पकड़ने की आपाधापी थी।

    कुछ ही मिनटों में आंखों के सामने से हजारों लोग इधर-उधर गुजर रहे थे। हां, लोगों के चेहरों पर उत्साह की जगह भय था। चर्चा हादसे की और जुबान पर पीड़ा थी।

    स्टेशन पर हालात अब भी जस के तस

    • प्रयागराज (Prayagraj special trains) को जाने वाली हर ट्रेन में जगह पाने को लेकर मारामारी थी। एसी और स्लीपर क्लास की बोगियों की हालत जनरल से भी बदतर थी। जनरल और स्लीपर क्लास में तो लोग खिड़कियों से घुसने की कोशिश में लगे रहे। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी सिर पर सामान लिए इसी जद्दोजहद में थे।
    • रेलवे प्रशासन व रेलवे पुलिस की भीड़ प्रबंधन की हर व्यवस्था इस अगाध श्रद्धा के आगे नतमस्तक नजर आ रही थी। प्लेटफार्मों पर लोगों को नियंत्रित करने के लिए रस्सियों का सहारा लिया गया था।
    • लोगों को सचेत किया जा रहा था। अधिक संख्या में रेलवे पुलिस के जवान तैनात थे। स्टेशन पर प्रवेश करते लोगों को बांस, बल्लियों के सहारे कतारबद्ध किया गया था, लेकिन यह व्यवस्था प्लेटफार्म पर धराशायी हो जा रही थी।

    यात्रियों ने बताई अपनी पीड़ा

    बात चाहे पटना संपूर्ण क्रांति की हो या प्रयागराज को जाने वाली स्पेशल ट्रेनों की, लोग ट्रेनों पर टूट पड़ रहे थे। लक्ष्मी नगर से प्रयागराज की ट्रेन पकड़ने आए राघव ने कहा कि जो हुआ, वह काफी दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन उन्होंने काफी पहले से तय किया था कि वह कुंभ जरूर जाएंगे और इसके लिए टिकट बुक करा लिए थे। उनकी तरह काफी ऐसे लोग थे।

    चंद्रप्रकाश कहते हैं कि 144 साल बाद कुंभ का ऐसा संयोग है, जिसको लेकर हर कोई संगम में डुबकी लगाने को आतुर है। रविवार को प्लेटफार्म नंबर 14 व 15 पर प्लेटफार्म पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी। लोग एक-दूसरे पर चढ़ने की कोशिश में थे। इस क्रम में वह पीछे रह जा रहे थे, जिनका रिजर्वेशन था।

    रिजर्वेशन के बाद भी ट्रेन में घुस नहीं पाए

    बदरपुर से माता-पिता के साथ आए सोहन ने बताया कि उनका प्रयागराज का रिजर्वेशन था, लेकिन वह बोगी में घुस नहीं पाए। भीड़ देखकर उन्होंने माता-पिता को किनारे करने में ही भलाई समझी। आखिरकार ट्रेन बिना उन्हें और उन जैसे कई लोगों को छोड़कर आगे निकल गई।