संजय झील किनारे बनेगा रेस्तरां, प्रकृति के बीच ले सकेंगे व्यंजनों का स्वाद; DDA ने शुरू की संचालक की तलाश
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) संजय झील के किनारे एक रेस्तरां खोलने जा रहा है जिससे यमुनापार एक फूड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा। 535 वर्ग मीटर में बनने वाले इस रेस्तरां में पर्यटकों को खुले आसमान के नीचे भोजन करने का अवसर मिलेगा। स्थानीय लोग इस पहल का स्वागत कर रहे हैं और झील में बोटिंग शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। सोचिए, आप परिवार संग संजय झील के किनारे बैठे हों। हरियाली से घिरी नीली झील हो और उसी माहौल में गरमागरम व्यंजन परोसे जा रहे हों। यह सपना अब वास्तविकता में बदलने जा रहा है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जल्द इस झील किनारे रेस्तरां खोलने जा रहा है। इसे यमुनापार के फूड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए संचालक की तलाश शुरू कर दी गई है।
डीडीए के मुताबिक, यह रेस्तरां 535 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, संचालक को 800 वर्ग मीटर का अतिरिक्त ओपन एरिया भी दिया जाएगा, जहां खुले आसमान के नीचे टेबल-कुर्सियां लगाई जाएंगी।
ऐसे में पर्यटक हरियाली और ठंडी हवा के बीच भोजन का आनंद ले सकेंगे। इसमें हर तरह का व्यंजन मिलेगा। बेहतर लाइटिंग संचालक को करनी होगी। सुरक्षा से लेकर रेस्तरां के आसपास के क्षेत्र का रखरखाव और सफाई का जिम्मा उसे ही उठाना होगा।
डीडीए का मानना है कि संजय झील पहले ही पिकनिक और मार्निंग वाक के लिए लोकप्रिय स्थल है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग परिवार और बच्चों के साथ सैर-सपाटे के लिए आते हैं।
अब रेस्तरां खुलने से पर्यटकों को नई सुविधा मिलेगी और यहां आने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है। स्थानीय लोगों की मानें तो वह इसे अच्छी पहल बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की सुविधाओं का अभाव है।
तीन वर्ष के लिए मिलेगी जगह
डीडीए संचालक को प्रारंभ में तीन वर्ष के लिए जगह आवंटित करेगा। फिर तीन-तीन साल के लिए दो बार उसके आवंटन को विस्तार दिया जा सकता है। यह शर्त रखी गई है कि कोई भी संचालक नौ वर्ष से अधिक इसमें रेस्तरां का संचालन नहीं कर सकता। प्रत्येक वर्ष रेस्तरां संचालक को डीडीए को 19.33 लाख रुपये लाइसेंस शुल्क जमा कराना होगा।
बोटिंग शुरू करने की हो रही मांग
पहले इस झील में वोटिंग की सुविधा हुआ करती थी। बाद में सफाई के लिए झील को खाली कर दिया गया था। इस कारण बोटिंग बंद हो गई थी। दोबारा इसमें पानी की व्यवस्था की गई है। लोग चाहते हैं कि इसमें बोटिंग की सुविधा भी मिले।
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