Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    New Delhi Railway Station stampede: 'वो मंजर भयावह था', रेलवे प्लेटफॉर्म से जान बचाकर निकले चश्मदीदों ने बताई घटना

    Updated: Sun, 16 Feb 2025 08:12 AM (IST)

    New Delhi Railway Station stampede नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 10 बजे हुई भगदड़ की घटना में 18 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। रेलवे प्लेटफॉर्म से जान बचाकर निकले चश्मदीदों ने हादसे के बारे में कहा कि वो मंजर भयावह था। भगदड़ में प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों पर लोगों के जूते-चप्पल बिखरी थीं। स्टेशन पर अफरातफरी मच गई थी।

    Hero Image
    शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर भीड़ जुटी थी। फोटो- जागरण

    मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने के लिए मची भीड़ में रेलवे परिसर पर अफरातफरी का माहौल बना रहा। प्लेटफॉर्म और स्टेशन परिसर पर लोग अपनों की तलाश में भटकते रहे। भगदड़ का शिकार हुए लोगों के जूते-चप्पल प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों पर बिखरी थीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपनों को ढूंढने के लिए कोई रेलवे स्टेशन परिसर तो कोई अस्पतालों के चक्कर काट रहा था। कई लोगों ने अपनों के मिलने पर राहत की सांस ली, तो कई लोगों ने अपनों को खो दिया। रेलवे प्लेटफॉर्म से जान बचाकर निकले चश्मदीदों ने बताया कि वो मंजर भयावह था।

    अचानक कैसे हुआ हादसा?

    हर तरह चीख पुकार मची थी और सब अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे। जिनकी गोदों में छोटे बच्चे थे, वो बच्चों को ऊपर उठाकर भाग रहे थे। लोगों ने बताया कि ट्रेन आने से पहले भीड़ नहीं थी, लेकिन जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंची भीड़ बढ़ गई। चश्मदीदों ने बताया कि ट्रेन की गेट तक पर लोग लटके थे और चढ़ने वाले लोगों को धक्का दे रहे थे, जिससे कई लोग हादसे का शिकार हुए।

    चश्मदीदों ने क्या कहा?

    नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना पर एलएनजेपी अस्पताल में, पीड़ितों में से एक के भाई संजय ने कहा, "हम 12 लोग महाकुंभ जा रहे थे। हम प्लेटफॉर्म पर भी नहीं पहुंचे थे, सीढ़ियों पर थे... मेरी बहन सहित मेरा परिवार भीड़ में फंस गया था। हमें वह आधे घंटे बाद मिली जब तक वह मर चुकी थी।"

    परिवार के साथ प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए जाना था। समय पर स्टेशन पहुंच गए थे और ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। ट्रेन के आते ही भीड़ बेकाबू हो गई। किसी तरह जान बचाई। - जयंत कुमार, यात्री

    यात्रा करने से पहले सोचा नहीं था इतना बड़ा हादसा हो जाएगा। उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था कि किया करा जाए। भीड़ की वजह से सांस तक नहीं आ रही थी। - बीरू, यात्री

    कोच में हमारी 48 टिकटें बुक थीं, जिनमें बुजुर्ग महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। किसी तरह ऊपर वाले ने जान बचा ली। जैसी भीड़ थी अगर हम और आगे पहुंच जाते, तो बचना नामुमकिन था। - सतीश चंद्र, यात्री

    प्रशासन की लापरवाही से यह हादसा हुआ है। प्लेटफॉर्म से निकलने व जाने के एक ही रास्ता बनाया हुआ था, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई, जबकि भीड़ को देखते हुए पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए थे। - मुकेश, यात्री

    नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर भारतीय वायु सेना में सार्जेंट और प्रत्यक्षदर्शी अजीत ने कहा, "रेलवे स्टेशन पर हमारा एक कार्यालय है। जब मैं अपनी ड्यूटी के बाद लौट रहा था तो मैं नहीं जा सका क्योंकि वहां बहुत भीड़ थी... मैंने लोगों को समझाने की कोशिश की और लोगों से अपील करते हुए घोषणाएं भी कीं कि वे बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा न हों... प्रशासन किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था, लेकिन कोई भी सुन नहीं रहा था... मैंने अपने एक दोस्त की मदद से घायल लोगों की मदद भी की।"

    ये भी पढ़ें-

    नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 की मौत: लापरवाही का ऐसा आलम, घायलों को न एंबुलेंस मिली और न मदद को जवान