दिल्ली के प्रेस एन्क्लेव रोड पर अतिक्रमण से यातायात बाधित, 50,000 से अधिक वाहन चालक परेशान
दिल्ली के प्रेस एन्क्लेव रोड पर अतिक्रमण से यातायात बाधित है जिससे 50000 से ज़्यादा वाहन चालक परेशान हैं। खिड़की एक्सटेंशन और हौज रानी के सामने स्थिति गंभीर है जहाँ सड़क के किनारे मकानों और दुकानों ने अतिक्रमण कर रखा है। अवैध पार्किंग विशेषकर साकेत कोर्ट और अस्पताल के सामने समस्या को और बढ़ा देती है। स्थानीय लोग सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं।

वी.के. शुक्ला, नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली की एक महत्वपूर्ण सड़क, प्रेस एन्क्लेव रोड पर लगातार अतिक्रमण के कारण एक अड़चन पैदा हो गई है, जिससे अरबिंदो मार्ग से लाल बहादुर शास्त्री मार्ग जाने वाले हज़ारों लोग कई वर्षों से परेशान हैं। लाल बहादुर शास्त्री मार्ग से अरबिंदो मार्ग तक सड़क पर खड़े वाहन सुचारू यातायात में बाधा डाल रहे हैं।
इस सड़क पर प्रतिदिन 50,000 से ज़्यादा वाहन चालक जाम का सामना करते हैं। कभी-कभी जाम इतना भीषण हो जाता है कि वाहन चालक परेशान हो जाते हैं और जाम में फंसे लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि वे इस सड़क पर क्यों आए हैं। त्योहारों के दौरान, जाम विशेष रूप से गंभीर हो जाता है।
दक्षिण दिल्ली की एक महत्वपूर्ण सड़क, प्रेस एन्क्लेव रोड, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग से शुरू होकर अरबिंदो मार्ग पर समाप्त होती है। इस सड़क पर जाम की समस्या अरबिंदो मार्ग से लाल बहादुर शास्त्री मार्ग तक, खिड़की एक्सटेंशन और हौज़ रानी के सामने, और भी बदतर है।
इस सड़क के किनारे बड़ी-बड़ी कॉलोनियाँ हैं, और मकानों और दुकानों का सड़क तक फैला होना एक बड़ी समस्या है। यहाँ 100 से ज़्यादा संपत्तियाँ हैं, जो सरकारी ज़मीन पर सड़क तक अतिक्रमण कर रही हैं। सड़क की चौड़ाई आधी रह गई है। इसके अलावा, दुकानों पर खरीदारी करने वाले लोग भी अपनी गाड़ियाँ सड़क पर खड़ी कर देते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है।
इस सड़क के दूसरी तरफ, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग से अरबिंदो मार्ग जाने वाली सड़क पर, साकेत कोर्ट है। इससे सुबह से लेकर कोर्ट के खुलने तक जाम लगा रहता है। इसके अलावा, साकेत में मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल है, जिसके सामने अवैध पार्किंग है।
इस अवैध पार्किंग में खड़ी लगभग 80 प्रतिशत गाड़ियाँ अस्पताल आने वाले मरीज़ों और उनके रिश्तेदारों की होती हैं। पास ही, इसी सड़क पर तीन बड़े मॉल हैं, जिनके सामने अक्सर गाड़ियाँ खड़ी रहती हैं। इससे इस सड़क पर भी भारी जाम लग जाता है, कभी-कभी तो लगभग एक किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है।
शीला दीक्षित सरकार के दौरान, प्रशासन ने यहाँ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की थी, जिस पर हंगामा हुआ और अतिक्रमण हटाओ दस्ते वापस लौट गए। उसके बाद, न तो कांग्रेस और न ही दस साल तक सत्ता में रही आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए कोई प्रयास किया।
स्थानीय लोग भी जाम से बेहद परेशान हैं। खिड़की गाँव और आसपास के क्षेत्र के आरडब्ल्यूएफ फेडरेशन ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के समक्ष आउटर रिंग रोड पर मेट्रो एन्क्लेव से स्वामी नगर तक सड़क बनाने की माँग रखी है। ट्रैफिक जाम से राहत के लिए दो उपाय अपनाए जा सकते हैं।
पहली योजना
विशेषज्ञों का मानना है कि पहली योजना के तहत, ट्रैफिक पुलिस को अस्थायी अतिक्रमण हटाने के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और सड़क पर वाहनों की पार्किंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए। अदालतों, अस्पतालों, मॉल या दुकानों में खरीदारी के लिए आने वाले वाहनों को सड़क पर पार्क करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और उनका चालान किया जाना चाहिए और उन्हें टो किया जाना चाहिए।
दूसरी योजना
दूसरी योजना के तहत, स्थायी अतिक्रमणों को दूर करने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके तहत, सड़क पर अवरोध पैदा करने वाली दुकानों या मकानों को ध्वस्त किया जाना चाहिए। जनता को विश्वास में लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण को सख्ती से हटाया जाना चाहिए। सड़क चौड़ी होने से क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा।
दिल्ली में सड़क अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। मैं कई बार प्रेस एन्क्लेव रोड पर ट्रैफिक जाम में फँस चुका हूँ। इस जाम को कम करने के लिए हौज़ रानी के पास सड़क को चौड़ा करना ज़रूरी है। सरकार को इस संबंध में सख्त कदम उठाने होंगे।
-एस. वेलुमुरुगन, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान
प्रेस एन्क्लेव रोड एक महत्वपूर्ण सड़क है। पिछले कुछ वर्षों में इस सड़क पर यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 15 साल पहले इस सड़क को चौड़ा करने की बात हुई थी और योजना भी बनी थी, लेकिन बाद में सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया।
-दिनेश कुमार, पूर्व मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग
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