Delhi Police Commissioner: कौन होगा दिल्ली का नया पुलिस कमिश्नर? इन चार अधिकारियों के नाम रेस में शामिल
Delhi Police Commissioner दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा का कार्यकाल जल्द खत्म होने वाला है और नए आयुक्त की नियुक्ति को लेकर अटकलें तेज हैं। क्या किसी बाहरी काडर के आईपीएस को यह पद मिलेगा या यूटी काडर के किसी अधिकारी को मौका मिलेगा? पिछली नियुक्तियों को देखते हुए कई अधिकारी विभिन्न संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।

जागरण संवाददता, नई दिल्ली। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा का कार्यकाल महज एक हफ्ता ही बचा है। इस बार फिर किसी बाहरी काडर के आईपीएस को दिल्ली का नया पुलिस आयुक्त बनाया जाएगा अथवा यूटी काडर के आईपीएस को आयुक्त बनाया जाएगा, पुलिस महकमे में इसको लेकर रहस्य की स्थिति बनी हुई है।
पिछले दो टर्म से गैर यूटी काडर के आईपीएस को दिल्ली का पुलिस आयुक्त बनाने से इस बार भी महकमे में कयासों का दौर तेज हो गया है। कुछ अधिकारी तीसरी बार भी बाहरी काडर के आईपीएस को पुलिस आयुक्त बनाने की संभावना जता रहे हैं तो कुछ यूटी काडर के आईपीएस को आयुक्त बनाने की बात कर रहे हैं।
दिल्ली दंगे के दौरान यूटी काडर के 1985 बैच के आईपीएस एसएन श्रीवास्तव को पुलिस आयुक्त बनाने के बाद गृह मंत्रालय ने गुजरात काडर के 1984 बैच के आईपीएस राकेश अस्थाना को पुलिस आयुक्त बनाया था। अस्थाना पहले सीमा सुरक्षा बल के डीजी पद पर तैनात थे।
वहां से सेवानिवृत्त होने के दो दिन पहले उन्हें दिल्ली पुलिस का आयुक्त बना एक साल का सेवा विस्तार दिया गया। एसएन श्रीवास्तव को भी सेवा निवृत्त होने से पहले एक साल का सेवा विस्तार दिए जाने की चर्चा तेज थी, लेकिन अंतिम दिन उन्हें पीएमओ से सेवा विस्तार नहीं मिल पाया।
उसी तरह राकेश अस्थाना को भी दोबारा एक साल का सेवा विस्तार दिए जाने की चर्चा तेज थी लेकिन उन्हें भी सेवा विस्तार नहीं दिया गया। उनके बाद अचानक तमिलनाडु काडर के 1988 बैच के आईपीएस
संजय अरोड़ा को दिल्ली का पुलिस आयुक्त बनाया गया। इससे पहले वे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल के प्रमुख भी रहे हैं। संजय अरोड़ा लंबे समय यानी करीब तीन साल से आयुक्त पद पर हैं। इन्हें भी तीन अथवा छह माह तक सेवा विस्तार दिए जाने की चर्चा तेज है।
सेवा विस्तार मिलने पर फिलहाल अरोड़ा ही पुलिस आयुक्त पद पर बने रहेंगे। सेवा विस्तार नहीं मिलने पर तीसरी बार फिर गृह मंत्रालय या तो किन्हीं बाहरी काडर के ही आईपीएस को पुलिस आयुक्त बना सकता है अथवा यूटी काडर के आईपीएस को आयुक्त बनने का मौका दे सकता है।
यूटी काडर में वरिष्ठता के आधार पर आयुक्त के दौड़ में चार अधिकारी शामिल हैं। जिनमें पहला नाम 1988 बैच के आईपीएस एसबीके सिंह का है। वह वर्तमान में हाेमगार्ड के डीजी हैं, लेकिन उनका कार्यकाल छह माह ही बचा है। 1989 में संदीप गाेयल हैं जो लंबे समय से निलंबित चल रहे हैं।
1990 बैच में काई आईपीएस नहीं हैं। 1991 में नुजहत हसन हैं। उनका कार्यकाल एक माह बचा है। 1992 में सतीश गोलचा हैं जो वर्तमान में तिहाड़ के डीजी पद पर तैनात हैं और बेहतर अधिकारी माने जाते हैं।
1992 में वीरेंद्र सिंह चहल भी हैं लेकिन उनका कार्यकाल एक साल ही बचा है। 1993 में प्रवीर रंजन हैं जो वर्तमान में सीआइएसएफ में तैनात हैं। ये भी बेहतर अधिकारी माने जाते हैं।
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