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    Delhi Metro ने सुरक्षा जांच के नियमों में किया बदलाव, दिव्यांगों और बुजुर्गों समेत इन लोगों को स्टेशनों पर मिलेगी प्राथमिकता

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 01 Jun 2025 04:37 PM (IST)

    दिल्ली मेट्रो में दिव्यांग बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा जांच में प्राथमिकता मिलेगी। उन्हें लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। एनसीआर के सभी 289 स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू की जा रही है। डीएमआरसी और सीआईएसएफ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं। महिलाओं के लिए पहले से ही अलग सुविधा है अब अन्य जरूरतमंदों को भी लाभ मिलेगा।

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    दिल्ली मेट्रो में दिव्यांग, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा जांच में प्राथमिकता मिलेगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मेट्रो में सफर करने वाले दिव्यांग, बुजुर्ग यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा जांच (जांच) में उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। इसलिए उन्हें स्टेशनों पर सुरक्षा जांच के लिए लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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    प्राथमिकता के आधार पर उनकी सुरक्षा जांच पहले की जाएगी। इससे वे मेट्रो में आसानी से सफर कर सकेंगे। एनसीआर में मेट्रो नेटवर्क करीब 393 किलोमीटर है और कुल 289 मेट्रो स्टेशन हैं। उन सभी स्टेशनों के सुरक्षा (जांच) प्वाइंट पर लगी स्कैनर मशीनों पर व्हील चेयर के सहारे सफर करने वाले यात्रियों, दृष्टिबाधित यात्रियों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और घायलों को प्राथमिकता दिए जाने की जानकारी दर्ज की जा रही है।

    हालांकि, मेट्रो स्टेशनों पर महिलाओं की सुरक्षा जांच के लिए पहले से ही अलग से सुविधा है, लेकिन सरोजनी नगर समेत कई स्टेशन ऐसे हैं, जहां व्यस्त समय में महिलाएं भी सुरक्षा जांच के लिए लंबी कतारों में खड़ी रहती हैं। इससे गर्भवती महिलाओं और गोद में छोटे बच्चे को लेकर सफर करने वाली महिलाओं को परेशानी होती है। उन्हें अब सुरक्षा जांच में प्राथमिकता मिलेगी।

    मेट्रो स्टेशनों पर दिव्यांगों और बुजुर्गों की त्वरित सुरक्षा जांच का कोई प्रावधान नहीं था। इस कारण उन्हें सुरक्षा जांच के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

    दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) का कहना है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की मदद से सभी मेट्रो स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू की जा रही है। इसका मकसद दिव्यांगजनों, गर्भवती महिलाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और घायल व्यक्तियों को सुविधा प्रदान करना है।

    गौरतलब है कि मेट्रो में पहला कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होता है। इसके अलावा मेट्रो ट्रेनों के सभी कोचों में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए सीटें भी आरक्षित होती हैं।