Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो के फेज चार को लेकर आया अपडेट, रिंग कॉरिडोर का ढांचा तैयार; इसी साल शुरू होने का इंतजार
दिल्ली मेट्रो के फेज चार में मौजपुर-मजलिस मेट्रो कॉरिडोर का वायाडक्ट तैयार हो गया है। यह पिंक लाइन का विस्तार है और इसके बनने से रिंग कॉरिडोर का ढांचा तैयार हो गया है। इस साल के अंत तक इस कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा। यमुना पर एक नया पुल भी बनाया गया है और भजनपुरा से यमुना विहार के बीच डबल डेकर खंड भी होगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। फेज चार में निर्माणाधीन मौजपुर-मजलिस मेट्रो कॉरिडोर के पूरे हिस्से का वायाडाक्ट बनकर तैयार हो चुका है। सिर्फ पांच स्टेशनों के फिनिशिंग का काम बाकी है। यह कॉरिडोर वर्तमान पिंक लाइन (मजिलस पार्क-मौजपुर-शिव विहार) की विस्तार परियोजना है।
लिहाजा, इस कॉरिडोर का वायाडक्ट तैयार होने से दिल्ली मेट्रो के पहले रिंग कॉरिडोर का ढांचा भी तैयार हो गया है। अब इस पर मेट्रो के परिचालन का इंतजार है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि वर्ष के अंत तक मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर के पूरे हिस्से पर मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा।
13.391 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण
मौजूदा समय में 59.29 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन पर मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच मेट्रो सेवा उपलब्ध है। इस पिंक लाइन पर 38 स्टेशन हैं, जिसमें से एक मौजपुर स्टेशन भी शामिल है। फेज चार में पिंक लाइन के मजलिस पार्क से मौजपुर स्टेशन के बीच 13.391 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया गया है।
इस कॉरिडोर पर आठ स्टेशन होंगे। जिसमें से बुराड़ी से जगतपुर गांव के बीच 4.6 किलोमीटर कॉरिडोर पर मेट्रो का ट्रायल हो चुका है। जल्दी ही इस हिस्से पर परिचालन शुरू होगा।इस हिस्से पर तीन स्टेशन है। जगतपुर गांव से मौजपुर के बीच का वायाडक्ट भी बनकर तैयार हो चुका है। कॉरिडोर के इस हिस्से पर पांच स्टेशनों के फिनिशिंग का काम चल रहा है। इस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होते ही पिंक लाइन पर मजलिस पार्क से मौजपुर के बीच का हिस्सा आपस में मेट्रो नेटवर्क जुड़ जाएगा। इससे पिंक लाइन के रिंग कॉरिडोर पर मेट्रो सेवा उपलब्ध हो जाएगी।
सूरघाट व सोनिया विहार के बीच बना पुल
इस कॉरिडोर पर सिंग्नेचर ब्रिज के नजदीक सूरघाट व सोनिया विहार मेट्रो स्टेशन के बीच यमुना पर मेट्रो का पांचवां पुल बनाया गया है। यह पिंक लाइन पर बना दूसरा पुल है। नवनिर्मित 560 मीटर लंबा यह पुल नौ पिलर के सहारे कैंटिलीवर तकनीक से बना है। इस पुल को दो माड्यूल में तैयार किया गया है। इसके तहत प्रत्येक माड्यूल में चार स्पैन हैं। जिसमें दोनों किनारों पर 60-60 मीटर व बीच में 80-80 मीटर के स्पैन हैं।
डीएमआरसी के अनुसार यह दिल्ली मेट्रो का पहला पुल है जो बैलेंस कैंटिलीवर तकनीक से बना है। इस तकनीक का इस्तेमाल उन इलाकों में पुल के निर्माण में किया जाता है जहां पारंपरिक तकनीक से निर्माण संभव नहीं होता। इस पुल के निर्माण के साथ-साथ मेट्रो ट्रैक, सिग्नल केबल बिछाने व ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) का काम भी पूरा हो चुका है।
1.4 किलोमीटर हिस्सा होगा डबल डेकर
इस कॉरिडोर पर भजनपुरा से यमुना विहार के बीच 1.4 किलोमीटर हिस्सा डबल डेकर होगा। डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक (जनसंपर्क) अनुज दयाल ने कहा कि मेट्रो ट्रैक के नीचे पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के फ्लाइओवर का डेक भी बनकर काफी हद तक तैयार हो गया है। पेड़ काटने की स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण फ्लाइओवर के रैंप को सड़क से जोड़ने का काम अभी नहीं हो पाया है। पेड़ हटाने की स्वीकृति मिलने पर फ्लाइओवर के रैंप का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
यमुना पर बने मेट्रो के पुल की लंबाई (मीटर में), परिचालन की तारीख
लाइन | जगह | लंबाई (मीटर) | परिचालन शुरू |
---|---|---|---|
रेड लाइन | शास्त्री पार्क | 553 | 24 दिसंबर 2002 |
ब्लू लाइन | यमुना बैंक | 698.8 | 10 मई 2009 |
मजेंटा लाइन | कालिंदी कुंज | 574 | 25 दिसंबर 2017 |
पिंक लाइन | निजामुद्दीन | 602.8 | 31 दिसंबर 2018 |
पिंक लाइन | सिग्नेचर ब्रिज | 560 | - |
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