दिल्ली में कुत्तों का आतंक रोकने को इन्हें लगाई जाएगी माइक्रो चिप, बैठक में हेल्पलाइन नंबर जारी करने का भी निर्णय
दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर एमसीडी की उप-समिति की बैठक हुई। मेनका गांधी सहित पशु प्रेमियों ने भाग लिया। निगम एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा और बंध्याकरण केंद्रों की निगरानी करेगा। दो महीने में 70-80% बंध्याकरण का लक्ष्य है और एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए माइक्रोचिप लगाई जाएगी। पशु प्रेमियों ने अस्पतालों की बदहाली और बंध्याकरण में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए बनी एमसीडी की उप समिति की दूसरी बैठक में पशु प्रेमियों से लेकर बंध्याकरण सेंटर चलाने वाले संगठनों ने भाग लिया और अपने सुझाव रखे।
बैठक में पूर्व सांसद और पशु प्रेमी मेनका गांधी भी पहुंचीं। निर्णय लिया गया है कि आवारा कुत्तों की समस्या के लिए निगम एक एकीकृत समर्पित हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा। साथ ही, 20 एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (बंध्याकरण केंद्रों) की निगरानी करेगा।
इसके लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे। साथ ही अगले दो माह में दिल्ली में कई हिस्सों को चिह्नित कर 70-80 प्रतिशत बंध्याकरण का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। वहीं, सालाना आवारा कुत्तों को एंटी रैबीज टीकाकरण हो, इसकी निगरानी के लिए माइक्रो चिप भी लगाई जाएगी।
एमसीडी स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा और आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए बनी समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। पू्र्व सांसद मेनका गांधी ने बंध्याकरण केंद्रों को उन्नत करने और वहां पर सभी दवाइयों की मौजूदगी व सुविधाओं पर जोर देने को कहा।
उन्होंने कहा कि बंध्याकरण केंद्रों पर चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और निगरानी व्यवस्था बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंंने कहा कि निगम को चाहिए कि नसबंदी की संख्या बढ़ाने की बजाय यह देखा जाए कि सही तरीके से बंध्याकरण हो। स्वच्छता हो। आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद सेंटर में छोड़ने से पहले उसके स्वास्थ्य की जांच हो।
इसके अतिरिक्त अन्य मौजूद पशु प्रेमियों ने पशुओं के इलाज के लिए बने 77 अस्पतालों को कागजी बताया। उन्होंने बताया कि यह सेंटर 24 घंटे संचालित नहीं होते हैं। साथ ही इनमें सुविधाओं का अभाव भी है। कही अस्पतालों में तो बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है।
वहीं आवारा कुत्तों का जब बंध्याकरण सेंटर पर बंध्याकरण किया जाता है उसमें भी नियमों का पालन नहीं होता है। कुत्तों को बिना बेहोशी की दवा दिए ही बंध्याकरण किया जाता है। इससे कुत्ते चिड़चिड़े हो जाते हैं।
बैठक में केंद्र सरकार की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर आए डाॅ. एसके दत्ता ने बंध्याकरण सेंटरों की निगरानी को गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि समस्या के समाधान के लिए जरूरी है कि पहले समस्या का पता लगाया है।
ऐसे में जब हम बंध्याकरण करने की बात करते हैं तो हमें सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि आवारा कुत्तों की संख्या क्या है। ऐसे में पहले इनकी गणना होनी चाहिए।
फिर नियमानुसार 70-80 प्रतिशत बंध्याकरण का लक्ष्य पूरा करना चाहिए। इसके साथ ही डा. दत्ता ने दिल्ली के सीमावर्ती राज्यों और नगर निगमों से भी इसको लेकर समन्वय करना चाहिए।
बैठक में एमसीडी अधिकारियों ने बताया कि आवारा कुत्तों की समस्या के लिए हाल ही में दिल्ली सरकार के साथ बैठक हुई थी।
इसमें क्लस्टर बनाकर अगले दो माह में 70-80 प्रतिशत बंध्याकरण किया जाएगा। साथ ही कुत्तों में सालाना एंटी रैबीज टीकारण की निगरानी के लिए माइक्रो चिप भी लगाई जाएगी। यह चिप कुत्ते के बंध्याकरण के दौरान लगेगी।
हमने सभी संगठनों की बात सुन ली है। बैठक के बाद एक आम राय बनी है कि हम सभी सेंटरों का निरीक्षण करेंगे। देखेंगे कि वहां पर क्या क्या सुविधाएं हैं और उसमें क्या सुधार की जरुरत है। इसके साथ ही हम जल्द ही आवारा कुत्तों की समस्या के लिए एकीकृत हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेंगे। वहीं, एक निगरानी समिति बनाएंगे जो एबीसी सेंटरों का औचक निरीक्षण किया करेगी।
-सुंदर सिंह तंवर, अध्यक्ष, उप समिति, एमसीडी
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