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    दिल्ली सरकार ला रही है नई नीति, ट्रैफिक जाम की परेशानी होगी खत्म; प्रदूषण का भी होगा इलाज

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 06:38 PM (IST)

    दिल्ली सरकार लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग नीति 2025 लाने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य ट्रैफिक कम करना प्रदूषण घटाना और व्यापार बढ़ाना है। नीति में डेडिकेटेड लॉजिस्टिक्स हब और ग्रीन फ्रेट कॉरिडोर जैसे कदम शामिल हैं। शहर के बाहर यूसीएलडीसी बनेंगे जहाँ इलेक्ट्रिक वाहनों से डिलीवरी होगी। उद्योगों को सब्सिडी मिलेगी खासकर ग्रीन ऊर्जा के लिए। इससे आजादपुर जैसे इलाकों में जाम कम होगा।

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    वेयरहाउसिंग नीति से शहर में कम होगा जाम, घटेगा प्रदूषण- दिल्ली सरकार

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार अपनी लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग नीति 2025 लाने की तैयारी में है। ड्राफ्ट में ऐसे कदम शामिल हैं, जो न केवल दिल्ली का ट्रैफिक जाम कम करेंगे बल्कि प्रदूषण घटाएंगे और व्यापार की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे।

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    दिल्ली सरकार ने कहा है कि हम डेडिकेटेड लॉजिस्टिक्स हब, ग्रीन फ्रेट कॉरिडोर और टेक्नोलॉजी आधारित समाधान लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। नीति का मसौदा तैयार किया जा रहा है। मसौदा नीति पर जनता और विभागों से सुझाव जल्द ही मांगे जाएंगे, ताकि अंतिम इसे लागू करने से पहले यह प्रक्रिया सहभागी तरीके से पूरी हो सके।

    दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली में हर दिन 10 लाख टन माल का लगभग 1.93 लाख वाहनों के जरिए आवागमन होता है, जिनमें से 21 प्रतिशत वाहन ट्रैफिक से होकर गुजरते हैं।

    वेयरहाउसिंग जोन न होने से शहर के अंदरुनी हिस्सों में आते हैं वाहन 

    सबसे ज्यादा वाहन बिल्डिंग मटेरियल (4,132 वाहन/दिन), टेक्सटाइल (3,995), फल-सब्जियां (2,569) और खाद्य उत्पाद (2,468) लाते हैं, जबकि फार्मास्युटिकल (559) और आटोमोबाइल (588) भी ट्रैफिक से गुजरते हैं। सही वेयरहाउसिंग जोन न होने से ये वाहन शहर के अंदरुनी हिस्सों में आते हैं, जिससे प्रमुख मार्गों पर जाम और प्रदूषण बढ़ता है।

    उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ड्राफ्ट पॉलिसी में वेयरहाउस को शहर की सीमा पर शिफ्ट करना है, तीन आधुनिक अर्बन कंसॉलिडेशन और लाजिस्टिक्स डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (यूसीएलडीसी) शहर के बाहरी इलाकों में बनेंगे, व्यापारियों के लिए प्रोत्साहन और क्लीन फ्यूल वाले वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।

    यूसीएलडीसी पर माल कंसॉलिडेट करना और लास्ट माइल डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल शामिल है। ये कदम आज़ादपुर, गाजीपुर, नारायणा और करोल बाग जैसे इलाकों के जाम और प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे।

    नीति में उद्योगों के लिए कई तरह की सब्सिडी का प्रस्ताव

    मसौदा नीति में उद्योगों के लिए कई तरह की सब्सिडी का प्रस्ताव है, जिससे स्थायी और सस्टेनेबल उपायों को अपनाने में मदद मिलेगी। इनमें शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों से वेयरहाउस स्थानांतरित करने पर लीज़ पर जमीन में छूट, नई तकनीक अपनाने के लिए सब्सिडी, और कोल्ड चेन व स्टोरेज सुविधाओं के अपग्रेड के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।

    खास तौर पर ग्रीन एनर्जी और इको-फ्रेंडली उपायों के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। जैसे वेयरहाउस की छतों पर सोलर पैनल लगाना, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाना, और ऊर्जा-कुशल बिल्डिंग डिज़ाइन अपनाना शामिल है।