150 नए डायलिसिस यूनिट से दिल्ली में रोज हो रहा 1500 मरीजों का इलाज, अमित शाह ने किया था सुविधा का उद्घाटन
दिल्ली के छह अस्पतालों में 150 नई हीमोडायलिसिस मशीनें लगने से रोजाना 1500 से अधिक मरीजों को डायलिसिस मिल सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि इससे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। 17 से 25 सितंबर तक लगे स्वास्थ्य शिविरों में 9 लाख से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य जांच का लाभ उठाया। सरकार स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान पर जोर दे रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के छह अस्पतालों को मिली 150 नई हीमो-डायलिसिस मशीनों से प्रतिदिन 1500 से अधिक मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है। जरूरतमंद मरीजों को समय पर उपचार मिल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने शुक्रवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि इससे दिल्ली के जीवन-रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि हुई है। नई हीमो डायलिसिस मशीनों का उद्घाटन विगत 17 सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह ने किया था।
डा. पंकज सिंह ने बताया कि सबसे अधिक 55 मशीनें दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल (मध्य जिला) और 45 मशीनें जनकपुरी के सुपर स्पेशलिटी (पश्चिम जिला) में लगाई गई हैं। इसके साथ ही अंबेडकर नगर अस्पताल (दक्षिण जिला) को 25 नई डायलिसिस मशीनें मिली हैं, जबकि उत्तर पश्चिम जिले में डा. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में 10 और संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में पांच नई मशीनें लगाई गई हैं।
वहीं जगप्रवेश चंद्र अस्पताल (उत्तर-पूर्व जिला) को 10 नई डायलिसिस मशीनें मिली हैं। कुल मिलाकर इन 150 नई डायलिसिस यूनिट्स के साथ दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कुल डायलिसिस मशीनों की संख्या बढ़कर अब 300 हो गई है।
स्वास्थ्य शिविरों का नौ लाख लोगों ने उठाया लाभ
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान को लेकर बेहद गंभीर है। 17 से 25 सितंबर तक 1,558 स्वास्थ्य शिविर लगाए गए, जिनमें 60 विशेषज्ञ स्वास्थ्य शिविर पीएचसी में भी आयोजित किए गए।
इनमें कुल 9,35,896 लोगों ने स्वास्थ्य जांच का लाभ उठाया, जिनमें 3,86,270 पुरुष और 5,69,294 महिलाओं की स्क्रीनिंग भी की गई। वहीं 18,530 महिलाओं की टीबी की स्क्रीनिंग की गई। टीबी मरीजों की सहायता के लिए 1041 नि-क्षय मित्रों को पंजीकृत किया गया।
स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ पोषण किट्स का वितरण भी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जा रहा है।
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