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    निगमबोध घाट बंद किए जाने से बढ़ी परेशानी, दिल्ली के दूसरे श्मशान घाटों पर दोगुने हुए अंतिम संस्कार

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 06:30 PM (IST)

    दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से निगम बोध घाट और गीता कॉलोनी श्मशान घाट में पानी भर गया है जिसके कारण इन श्मशान घाटों को बंद कर दिया गया है। परिणामस्वरूप लोधी रोड पंचकुइयां रोड और सत नगर जैसे अन्य श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों की भीड़ बढ़ गई है। लोधी रोड और सत नगर श्मशान घाटों पर दोगुने अंतिम संस्कार हुए।

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    लोधी रोड और सत नगर करोल बाग शवदाह गृह पर बड़ा दबाव।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना का जलस्तर बढ़ने से निगम बोध और गीता काॅलोनी श्मशान घाट में पानी घुस गया है। इन दोनों को इस वजह से बंद कर दिया गया है।

    ऐसे में बुधवार को दिल्ली के दूसरे शवदाह गृहों पर दवाब बढ़ गया है। लोधी रोड शवदाह गृह से लेकर पंचकुइंया रोड और सत नगर शवदाह गृह पर लोग पहुंच रहे हैं।

    बृहस्पतिवार को लोधी रोड शवदाह गृह पर सामान्य की तुलना में करीब दोगुने अंतिम संस्कार हुए तो वहीं सत नगर करोल बाग में शवदाह गृह में भी दोगुनी मात्रा में अंतिम संस्कार हुए।

    लोधी रोड शवदाह गृह समिति से जुड़े पंकज शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन यहां पर 10-11 अंतिम संस्कार होते हैं। निगम बोध घाट बंद होने से यहां पर बृहस्पतिवार को दोगुने अंतिम संस्कार हुए।

    उन्होंने बताया कि सामान्यतः पूर्वी दिल्ली से कम लोग यहां पर आते हैं, लेकिन चार के करीब लोग ऐसे थे तो गीता काॅलोनी, लक्ष्मी नगर और प्रीत विहार वाले इलाके से आए थे।

    इसी प्रकार करोल बाग के सत नगर शवदाह गृह में दोगुनी संख्या में अंतिम संस्कार हुए। करीब तीन चार अंतिम संस्कार प्रतिदिन होते हैं बृहस्पतिवार को नौ के करीब अंतिम संस्कार हुए। पंचकुइंया रोड शवादाह गृह में भी प्रतिदिन की तरह तीन अंतिम संस्कार हुए।

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    निगम के एक अधिकारी ने बताया कि गीता कालोनी और निगम बोध को बंद करने दूसरे स्थानों पर पर्याप्त लकड़ी रहे और इंतजाम रहे इसके निर्देश शवदाह गृह संचालन समितियों को दिए गए हैं।

    उन्होंने कहा कि निगम बोध और गीता कालोनी चूंकि नदी किनारे शमशान घाट है इसलिए लोग धार्मिक मान्यता के कारण यहां ज्यादा आते हैं वैसे दिल्ली में 50 से अधिक शवदाहगृह और कब्रिस्तान हैं।

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