National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट ने ED से मांगा जवाब, सोनिया और राहुल गांधी भी आरोपी
राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा दाखिल आरोपपत्र पर स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले में सोनिया गांधी राहुल गांधी समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया है। अदालत जल्द ही यह निर्णय ले सकती है कि आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। ईडी ने आरोप लगाया है कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हासिल किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर ईडी से कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं।
ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा निजी कंपनी यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित बनाया है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने अब शुक्रवार को इस बात पर निर्णय सुना सकते हैं कि क्या ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए।
अदालत को इस मामले में 29 जुलाई को फैसला सुनाना था, लेकिन विशेष न्यायाधीश ने इसे सात व आठ अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए टाल दिया था। 14 जुलाई को अदालत ने ईडी और आरोपित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दलील दी थी कि नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की करीब दो हजार करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को महज 90 करोड़ रुपये के ऋण के एवज में यंग इंडियन द्वारा धोखाधड़ी से अधिगृहीत किया गया।
ईडी का दावा है कि यंग इंडियन में गांधी परिवार की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, और इसे एजेएल की संपत्तियों को अवैध तरीके से हासिल करने के उद्देश्य से ही बनाया गया था।
ईडी ने यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के नाम पर फर्जी ट्रांजैक्शन किए गए हैं। ईडी का कहना है कि यह एक साजिश थी, जिससे सार्वजनिक ट्रस्ट की संपत्तियों को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।
यह विवाद 2012 में सामने आया था जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
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