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    सरकारी अधिकारी पर साजिश का आरोप, CBI कोर्ट ने इस वजह से खारिज की शिकायत

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:25 PM (IST)

    राऊज एवेन्यू सीबीआई अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि लोक सेवक के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले सक्षम प्राधिकारी की अनुमति अनिवार्य है जो इस मामले में नहीं ली गई। शिकायतकर्ता ने लोकपाल के समक्ष कार्यवाही के परिणाम भी स्पष्ट नहीं किए थे।

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    राऊज एवेन्यू सीबीआई अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने एक याचिकाकर्ता द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें एक सरकारी अधिकारी और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।

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    अदालत ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए (किसी लोक सेवक द्वारा अपने आधिकारिक कार्यों या कर्तव्यों के निर्वहन में की गई सिफारिशों या लिए गए निर्णयों से संबंधित अपराधों की जांच या अनुसंधान) के तहत, सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना किसी लोक सेवक के खिलाफ कोई जांच या पूछताछ शुरू नहीं की जा सकती।

    अदालत ने कहा कि चूंकि लोक सेवकों के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य है, और यह अनुमति रिकॉर्ड में नहीं लाई गई, इसलिए शिकायत अस्वीकार्य है।

    विशेष न्यायाधीश छवि कपूर ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा याचिका के साथ संलग्न दस्तावेज़ लोकपाल के समक्ष दायर एक पूर्व शिकायत से संबंधित हैं।

    हालांकि, शिकायतकर्ता ने अदालत को लोकपाल और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के समक्ष कार्यवाही के परिणाम के बारे में स्पष्ट नहीं किया। अदालत ने टिप्पणी की कि यदि वर्तमान याचिका का लोकपाल शिकायत से कोई संबंध नहीं है, तो ऐसे दस्तावेज़ को रिकॉर्ड में रखने का कोई औचित्य नहीं है।